
दोहा/रियाध । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर जल्द एक समझौता करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि तेहरान मध्य पूर्व में अपने प्रॉक्सी गुटों को समर्थन देना बंद करे।
ट्रंप इन दिनों मध्य पूर्व के तीन देशों की यात्रा पर हैं और इस दौरान उन्होंने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ दोहा में विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा, “हम एक सकारात्मक परिणाम की ओर बढ़ रहे हैं और यह प्रक्रिया किसी न किसी रूप में सफल होगी।”
रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अध्यक्षता में हुई गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) की बैठक में ट्रंप ने ईरान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ”ईरान को आतंकवाद को प्रायोजित करना, रक्तरंजित प्रॉक्सी युद्धों में भाग लेना और परमाणु हथियारों की दौड़ को स्थायी और सत्यापनीय रूप से रोकना होगा। उन्हें यह समझना होगा कि वे परमाणु हथियार नहीं रख सकते।”
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने ट्रंप की टिप्पणी को “भ्रामक और एकतरफा” करार दिया। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर प्रॉक्सी गुटों को लेकर ट्रंप की मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की।
ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि “हिजबुल्ला के आतंक से मुक्त भविष्य” की ओर बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इजराइल के साथ युद्ध में हिजबुल्ला को भारी क्षति हुई, उसके कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए और सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन के बाद ईरान का एक अहम सहयोगी भी चला गया है।
इससे पहले, दोहा में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद अमेरिका और कतर के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग और कतर एयरवेज के बीच हुआ 96 अरब डॉलर का सौदा प्रमुख रहा। कतर के अमीर ने कहा कि दोनों देशों के संबंध एक नई ऊंचाई की ओर अग्रसर हैं।