भारत को चुनौती देने में ट्रंप असफल, नई रणनीति भी बेकार….आखिर क्या चाहते है अमेरिकी राष्ट्रपति

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोलते हैं और अपनी बात से पलटने में देर भी नहीं करते हैं। कब क्या कहने लगें ये कोई नहीं जानता। कभी पीएम नरेंद्र मोदी को दोस्त बताते हैं और भारत के महत्व को समझाते नजर आते हैं तो कभी उसी के खिलाफ नई योजना बनाने लगते हैं। भारत के खिलाफ अमेरिका का टैरिफ वॉर फिलहाल खत्म होने के आसार नहीं हैं।

खबर है कि अब राष्ट्रपति ट्रंप कई देशों को भारत के खिलाफ ज्यादा टैरिफ लगाने के लिए उकसा रहे हैं। हालांकि, इसे लेकर अमेरिकी सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस संबंध में जी7 देशों के नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। ट्रंप ने शुरुआत में भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूसी तेल की खरीद के लिए जुर्माना लगाया था। इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा कर दी थी। जबकि, भारत की तरफ से साफ किया गया था कि अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों भी रूस के साथ व्यापार करते हैं। खास बात है कि चीन भी रूसी तेल के सबसे बड़े खरीददारों में से एक है, लेकिन अमेरिका की तरफ से उसपर 30 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। जबकि, भारत पर जुर्माने के अलावा 50 फीसदी शुल्क लगाया है और प्रतिबंध की धमकियां दी जा रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका जी7 देशों से भारत और चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाने की अपील करने की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि ये टैरिफ दरें 50 और 100 प्रतिशत के बीच हो सकती हैं। शुक्रवार को कनाडा, फ्रांस, अमेरिका, जापान, इटली, ब्रिटेन और जर्मनी के वित्त मंत्री शुक्रवार को वीडियो कॉल के जरिए बैठक करने जा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही रॉयटर्स की रिपोर्ट में एक अमेरिकी और एक ईयू अधिकारी के हवाले से बताया गया था कि ट्रंप ने ईयू अधिकारियों से चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपील की है, ताकि इसके जरिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डाला जा सके।

एजेंसी को एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप ने ईयू से भारत पर भी ऐसे ही टैरिफ लगाने के लिए कहा है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा, चीन और भारत की तरफ से रूसी तेल की खरीदी पुतिन की वॉर मशीन की मदद कर रही है और बेकार की यूक्रेनी लोगों की हत्या को बढ़ा रही हैं। इस हफ्ते हमने हमारे ईयू सहयोगियों से कह दिया है कि अगर वह युद्ध खत्म करने के लिए गंभीर हैं, तो उन्हें हमारे साथ मिलकर टैरिफ लगाने होंगे, जिन्हें युद्ध खत्म होते ही वापस ले लिया जाएगा।

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