
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 नवंबर से आयातित मध्यम और भारी ट्रकों और उनके पार्ट्स पर 25% और आयातित बसों पर 10% टैरिफ लगाने का आदेश दिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर उठाया गया है और इसका उद्देश्य अमेरिका में ऑटोमोबाइल उत्पादन को बढ़ावा देना है।
आदेश का मुख्य उद्देश्य:
- अमेरिकी वाहन निर्माता 2030 तक अमेरिका में असेंबल किए गए वाहनों के लिए 3.75% क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं।
- यह क्रेडिट आयातित पुर्जों पर लगे टैरिफ की लागत को कम करने में मदद करेगा।
- अमेरिकी इंजन निर्माण और मध्यम व भारी ट्रक उत्पादन के लिए भी 3.75% क्रेडिट बढ़ाया गया है।
नए टैरिफ में कौन-कौन शामिल है?
- श्रेणी 3 से श्रेणी 8 तक के सभी ट्रक
- बड़े पिक-अप ट्रक, मूविंग ट्रक, कार्गो ट्रक, डंप ट्रक, 18-पहिया ट्रैक्टर
- यह कदम अमेरिकी निर्माता कंपनियों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए उठाया गया है।
- इसका फायदा पीटरबिल्ट, केनवर्थ-फ्रेटलाइनर जैसी कंपनियों को होगा।
अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स की अपील:
- अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पहले ट्रंप से अपील की थी कि ट्रकों पर नए टैरिफ न लगाए जाएं।
- उनका कहना था कि आयात के शीर्ष स्रोत मेक्सिको, कनाडा, जापान, जर्मनी और फिनलैंड अमेरिका के सहयोगी हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हैं।
ऑटो पार्ट्स शुल्क पर राहत:
- यह आदेश जीएम, फोर्ड, टोयोटा, स्टेलंटिस, होंडा, टेस्ला जैसी कंपनियों को पहले से लागू शुल्क से वित्तीय राहत भी देता है।
- वाणिज्य विभाग ने कहा कि अप्रैल 2026 तक पात्र अमेरिकी असेंबल्ड वाहनों के मूल्य का 3.75% ऑफसेट दिया जाएगा, और अगले वर्ष यह 2.5% होगा।
रिपब्लिकन सीनेटर बर्नी मोरेनो की प्रतिक्रिया:
- उन्होंने कहा कि संशोधित क्रेडिट पाँच वर्षों तक 3.75% पर रहेगा, अधिक पुर्जों तक लागू होगा।
- इससे वाहन निर्माता कंपनियों के लिए इसे और मूल्यवान बनाया गया है और उत्पादन अमेरिका में स्थानांतरित करने का प्रोत्साहन मिलेगा।