भारत से पंगा और ट्रूडो का पतन शुरू, आखिर कनाडाई पीएम को क्यों देना पड़ा इस्तीफा, अब क्या है विकल्प?

नई दिल्ली/टोरंटो: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी पार्टी, लिबरल पार्टी (Liberal Party), के भीतर बढ़ते दबाव और भारत-विरोधी बयानों के कारण वे अपने देश और पार्टी में आलोचना का सामना कर रहे थे। ट्रूडो पर खालिस्तान मुद्दे को हवा देकर अपनी विफलताओं को छिपाने के आरोप लग रहे थे। साथ ही, कनाडा की गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई, और आवास संकट जैसी समस्याओं ने उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर कैसे जस्टिन ट्रूडो अपने ही जाल में फंस गए।

देश के नाम जस्टिन ट्रूडो का संबोधन

अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा,
“कनाडा बेहतर नेतृत्व का हकदार है। मैं समझता हूं कि 2025 के चुनावों के लिए मैं वह विकल्प नहीं हूं। हालांकि, मैं फाइटर हूं और मेरी लड़ाई जारी रहेगी।”

ट्रूडो ने आगे कहा:

  • वे नए लीडर के चयन तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
  • उन्होंने संसद के पैरालाइज होने का जिक्र किया और कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद हालात नहीं सुधरे।
  • इस्तीफे का फैसला उन्होंने अपनी पूर्व पत्नी और बच्चों से लंबी चर्चा के बाद लिया।

लिबरल पार्टी के भीतर विद्रोह

बीते कुछ सालों में लिबरल पार्टी में असंतोष गहराया। कई हाई-प्रोफाइल सांसद, जैसे सियान कैसी और केन मैक्डोनाल्ड, ने सार्वजनिक रूप से ट्रूडो की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल उठाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कम से कम 20 सांसदों ने ट्रूडो के इस्तीफे के लिए एक पिटीशन पर हस्ताक्षर किए। यह असहमति लिबरल पार्टी के भीतर ट्रूडो के खिलाफ बढ़ते आक्रोश को दिखाती है।

डिप्टी PM क्रिस्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा

डिप्टी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने 2024 में इस्तीफा देकर ट्रूडो सरकार की कमजोरियों को और उजागर किया। उन्होंने ट्रूडो की आर्थिक नीतियों और राजनीतिक रणनीतियों को महंगा और अप्रभावी बताया। फ्रीलैंड का इस्तीफा लिबरल पार्टी में बढ़ते संकट का प्रतीक था, जिसने ट्रूडो को और अधिक कमजोर कर दिया।

भारत-विरोधी कैंपेन और खालिस्तान मुद्दा बना मुसीबत

जस्टिन ट्रूडो के भारत-विरोधी बयान और खालिस्तान समर्थकों को बढ़ावा देने की नीतियां उनके लिए घातक साबित हुईं।

1. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप

सितंबर 2023 में ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाए। भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सबूत मांगे, जो ट्रूडो सरकार पेश नहीं कर सकी। इसके बाद भारत-कनाडा के रिश्तों में भारी तनाव आ गया।

2. खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा

ट्रूडो सरकार के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग पर हमले किए और भारतीय झंडे का अपमान किया। जब भारत ने इन घटनाओं पर कार्रवाई की मांग की, तो ट्रूडो ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया और कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

3. G-20 शिखर सम्मेलन में विवाद

सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए G-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रूडो को खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर अपनी नाराजगी जताई। लेकिन ट्रूडो ने इसे कनाडा का आंतरिक मामला बताकर टाल दिया।

4. वीज़ा सेवाओं पर प्रतिबंध और व्यापार समझौता निलंबित

ट्रूडो ने भारत के खिलाफ कदम उठाते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाओं को सीमित कर दिया। इसके जवाब में भारत ने दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता (CEPA) को निलंबित कर दिया।

5. भारतीय राजनयिकों पर जासूसी का आरोप

ट्रूडो ने भारतीय राजदूत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाते हुए विवाद को और बढ़ा दिया। जवाब में भारत ने कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

आर्थिक संकट और गिरती लोकप्रियता

कनाडा में आर्थिक अस्थिरता, बढ़ती महंगाई और आवास संकट ने ट्रूडो की लोकप्रियता को गिरा दिया। एक सर्वे के अनुसार, केवल 28% लोग चाहते थे कि ट्रूडो फिर से चुनाव लड़ें। उनकी अप्रूवल रेटिंग गिरकर 30% पर आ गई, जबकि नापसंद करने वालों की संख्या 65% हो गई।

पार्टी में नेतृत्व का संकट

ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के लिए एक मास अपील वाले नेता का चयन करना बड़ी चुनौती है। विदेश मंत्री मेलानी जोली, डोमिनिक लेब्लांक, और मार्क कानी जैसे नाम संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं।

जस्टिन ट्रूडो का राजनीतिक सफर

  • 2015: पहली बार प्रधानमंत्री बने, लिबरल पार्टी को 184 सीटें मिलीं।
  • 2019: सीटों की संख्या घटकर 157 रह गई।
  • 2021: लिबरल पार्टी को केवल 158 सीटें मिलीं।
  • 2025 के चुनाव से पहले ही इस्तीफा देकर ट्रूडो ने अपने करियर को विराम दिया।

निजी जीवन में भी समस्याएं

2023 में ट्रूडो और उनकी पत्नी सोफी ने तलाक ले लिया, जिससे उनकी निजी जिंदगी भी चर्चा में रही।

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