संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कथित अपमानजनक बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन की नई रणनीति अपनाई है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट लिखकर आगामी कार्यक्रम की घोषणा की।
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा सरकार का दलित-विरोधी चेहरा सामने आ चुका है। उन्होंने लिखा, “हमारे संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ अंबेडकर का अपमान नहीं है, बल्कि हमारे संविधान और दलित-आदिवासी समुदाय के अधिकारों पर सीधा प्रहार है। भाजपा बार-बार लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास कर रही है।”
ममता बनर्जी ने आगे कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और बाबासाहेब अंबेडकर सहित संविधान ड्राफ्टिंग कमिटी के अन्य महान सदस्यों का अपमान किया है। इस अन्याय के खिलाफ, तृणमूल कांग्रेस 23 दिसंबर को दोपहर दो बजे से तीन बजे तक राज्य के हर ब्लॉक, नगरपालिका और कोलकाता के हर वार्ड में विरोध प्रदर्शन करेगी।”
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे इस विरोध प्रदर्शन में भाग लें और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा, “आइए, हम सभी मिलकर संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर की विरासत की रक्षा के लिए इस अन्याय के खिलाफ खड़े हों। भाजपा की घृणित और तानाशाही नीतियों के खिलाफ हमें संगठित होकर लड़ना होगा।”
तृणमूल कांग्रेस के सांसद पहले ही संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ मुखर हो चुके हैं। अब इस विरोध को व्यापक रूप देने के लिए तृणमूल ने राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।