चिप्स के पैकेट में निकलने वाला खिलौना बना काल! 4 साल के बच्चे की मौत

ओडिशा के कंधमाल जिले से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें चार साल के बच्चे की चिप्स के पैकेट में पाए गए खिलौने के निगल जाने के कारण मौत हो गई। घटना मुसिमाहा गांव की है, जहां पर किसान रंजीत प्रधान के बेटे, बिगिल प्रधान, की मौत हुई है। परिवार का कहना है कि बच्चा मंगलवार को आंगनवाड़ी केंद्र से लौटने के बाद, चिप्स खाने की जिद कर रहा था। पिता ने बाज़ार जाकर 10 रुपये का चिप्स का पैकेट खरीदा, जिसमें एक प्लास्टिक का खिलौना भी था।

खिलौने का निगल जाना

बच्चे ने चिप्स खाते समय अपने हाथ में आए खिलौने को मुंह में डाल लिया और वह उसके गले में फंस गया। जैसे ही बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हुई, परिवार के सदस्यों ने तुरंत उसकी मदद की, लेकिन प्रयास बेकार गए। बच्चे का दम घुटने लगा और उसकी हालत बिगड़ गई। परिवार ने उसे तुरंत दारिंगबाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डॉक्टरों का कहना है कि खिलौना बच्चे के गले में सांस नली में फंस गया था, जिससे उसे सांस लेने में गंभीर समस्या हुई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, जैकेश सामंतारा ने कहा कि बच्चे ने शायद सोचा कि यह खिलौना खाने लायक है और निगलने का प्रयास किया, जिससे उसकी सांस की नली बंद हो गई। उन्होंने चेतावनी दी कि बच्चे इन खिलौनों को खाने की वस्तु समझते हैं, इसलिए खाद्य कंपनियों को पैकेट के अंदर ऐसी वस्तुएं रखने से रोकना चाहिए।

प्रशासनिक कार्रवाई और सतर्कता

माता-पिता ने पोस्टमॉर्टम से इनकार किया है, इस कारण शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया है। फिर भी, परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से पता चला है कि मौत का कारण दम घुटना ही है। पुलिस ने अभी इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

इस घटना के मद्देनजर, विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के लिए भी खतरा बन सकती है। मुख्य जिला चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य अधिकारी, एसके नायक ने कहा कि यदि कोई बाहरी वस्तु श्वासनली या भोजन नली में फंस जाती है, तो इससे गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।

डॉक्टर सुभाष साहू ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) को पैकेज्ड स्नैक्स की निगरानी सख्त करनी चाहिए। पैकेट के अंदर खिलौनों या अन्य अवांछित वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, और संबंधित कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

यह घटना बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी है कि खाद्य उत्पादों में ऐसी खतरनाक वस्तुएं न पाई जाएं। सभी अभिभावकों से आग्रह है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और खाने-पीने की वस्तुओं का सावधानीपूर्वक चयन करें। साथ ही, खाद्य कंपनियों और संबंधित प्राधिकरण को जिम्मेदारी लेनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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