
लखनऊ। पर्यटन सेक्टर को अर्थव्यवस्था का आधार बनाने के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल सेन्टर में 07 और 08 जुलाई को देश के विभिन्न राज्यों व संघ क्षेत्रों का सचिवों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। शुभारम्भ केन्द्रीय व पर्यटन संस्कृति मंत्री भारत सरकार गजेन्द्र सिंह शेखावत ने किया। सम्मेलन में उप्र की ओर से पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने भाग लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं भविष्य की रणनीति की जानकारी दी।
जम्मू एवं कश्मीर के लिए इस प्रतिष्ठित सम्मेलन की मेजबानी करने का ऐतिहासिक अवसर प्राप्त हुआ। सम्मेलन के पहले दिन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक विश्व-स्तरीय पर्यटन स्थल विकसित करने की परिकल्पना पर उच्च स्तरीय मंथन सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में राज्यों से यह सुझाव मांगे गए कि इस लक्ष्य को साकार करने के लिए राज्य सरकारों, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय और अन्य प्रमुख हितधारकों की क्या भूमिकाएं हो सकती हैं। सत्र में मौजूद प्रतिभागियों ने विभिन्न चुनौतियों, प्रशासनिक बाधाओं, अधोसंरचना की आवश्यकताओं और निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही, उन्होंने पर्यटक अनुभवों को बेहतर बनाने, ब्रांडिंग को सशक्त करने और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
इस दो दिवसीय सम्मेलन के एजेंडे में वित्तीय वर्ष 2025-26 के पर्यटन से जुड़े बजट प्रावधानों, परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव योजना, शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों की पहचान एवं विकास और स्वदेश दर्शन, प्रसाद तथा चैलेंज मोड आधारित गंतव्य विकास योजनाओं की समीक्षा शामिल रही। इसके अतिरिक्त, पर्यटन क्षेत्र के लिए लचीलापन फ्रेमवर्क तैयार करने, सतत पर्यटन (सस्टेनेबल टूरिज्म) को बढ़ावा देने और प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) के तहत जनजातीय होमस्टे विकास पर भी महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।
प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि यह सम्मेलन राज्यों के लिए एक समसामयिक और आवश्यक मंच है, जहां वे आपसी सहयोग के माध्यम से राष्ट्रीय पर्यटन दृष्टिकोण के साथ अपने प्रयासों को समन्वित कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के साथ, जिम्मेदार, सतत और समावेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने, थीम आधारित पर्यटन सर्किट का विस्तार करने और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हम इस बात की आशा करते हैं कि इस तरह के सहयोगात्मक प्रयास उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आज समापन हुआ। अंतिम दिन के एजेंडे में रणनीतिक विपणन, डिजिटल प्रचार-प्रसार और राज्य स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी जैसे विषयों पर गहन विचार मंथन किया गया।