
सुबह की चाय के साथ पराठा, दोपहर में थोड़ी सी मिठाई, और शाम को घर आते ही फल – इन सबके बाद अगर आप अचानक ब्लड शुगर जांचने का सोचते हैं, तो रुक जाइए! क्योंकि शुगर टेस्टिंग का सही समय जानना उतना ही ज़रूरी है जितना दवा या परहेज।
डायबिटीज सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जो आपकी दिनचर्या, खानपान और स्ट्रेस लेवल से गहराई से जुड़ा होता है। ऐसे में अगर आप गलत समय पर ब्लड शुगर चेक करते हैं, तो रिपोर्ट भ्रामक आ सकती है, जिससे इलाज भी प्रभावित हो सकता है।
कब और कैसे करवाएं शुगर टेस्ट?
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट
– सबसे सटीक और आम टेस्ट
– टेस्ट से 8 घंटे पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं
– सुबह खाली पेट करवाना सबसे बेहतर
– सामान्य रेंज: 70-100 mg/dL
पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर टेस्ट
– खाने के ठीक 2 घंटे बाद किया जाता है
– यह बताता है कि खाना खाने के बाद शरीर कितना शुगर प्रोसेस कर पा रहा है
– नाश्ते या दोपहर के खाने के बाद किया जा सकता है
– सामान्य रेंज: 140 mg/dL से कम
रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट
– दिन में कभी भी किया जा सकता है, खाना खाया हो या नहीं
– इमरजेंसी या तत्काल मूल्यांकन के लिए उपयोगी
– सामान्य रेंज: 200 mg/dL से कम
HbA1c टेस्ट (ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन)
– पिछले 3 महीनों की औसत ब्लड शुगर बताता है
– इसके लिए फास्टिंग की जरूरत नहीं होती
– डायबिटीज की निगरानी के लिए हर 3 महीने में एक बार जरूरी
– सामान्य रेंज: 5.7% से कम (डायबिटीज वालों के लिए टारगेट 6.5% से नीचे रखना होता है)
ध्यान रखें:
- गलत समय पर की गई जांच से रिपोर्ट भी गड़बड़ आएगी और दवा या डाइट में गलत फैसले हो सकते हैं।
- हर टेस्ट का अपना सही समय होता है, इसलिए टेस्ट करवाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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