सीतापुर में बाघ का आतंक : इमलिया सुल्तानपुर में मिले नए पग चिह्न, क्षेत्र में बढ़ी दहशत

  • बाघ ने एक बार फिर दर्ज कराई अपनी आमद
  • नए पग चिन्ह मिलने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल

इमलिया सुल्तानपुर-सीतापुर। इमलिया सुल्तानपुर इलाके में एक बार फिर बाघ की दहशत बढ़ने लगी है। कुछ दिन पूर्व क्षेत्र में हुए भैंस पर हमले के बाद सोमवार सुबह बाघ के नए पगचिन्ह मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। सोमवार सुबह इमलिया सुल्तानपुर इलाके के सीतापुर वन रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले ग्रामसभा ढ़ोलई खुर्द के मजरा दारानगर गाँव के दक्षिण संतोष पुत्र बाबूराम के गन्ने के खेत में ग्रामीणों को बाघ के ताजा पगचिन्ह दिखाई पड़े।

क्षेत्र में बाघ के नए पगचिन्ह मिलने से ग्रामीणों में बाघ की दहशत फैल गई। खेत में काम करने गए ग्रामीण डर के मारे वापस घर लौट आए और इसकी सूचना अन्य ग्रामीणों को दी। क्षेत्र में बाघ की पुनः आमद ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। और लोग काम के लिए अपने खेतों की तरफ जाने से भी डर रहे हैं। वहीं वन विभाग ग्रामीणों को सिर्फ सलाह देने तक ही सीमित है।

बता दें कि पूर्व में बाघ ने इमलिया सुल्तानपुर क्षेत्र में करीब तीन महीनों तक क्षेत्र में दहशत मचाई थी जिसके बाद बाघ ने अपना ठिकाना बदल लिया था। ग्रामीणों ने चौन की साँस ली ही थी कि बाघ ने बीते सात अप्रैल को हरगाँव वन रेंज के ढ़ोलई कला में बाघ ने एक भैंस पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया था। जिसके बाद अब करीब एक सप्ताह बाद क्षेत्र में नए पगचिन्ह मिलने से लोगों में बाघ का भय व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों का काम करना मुश्किल हो गया है लोग घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं।

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