योगी सरकार के तीन साल: अपराधों में 30 फीसदी गिरावट दर्ज, हत्या में मामले में 21.71% की आई कमी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार 19 मार्च को तीन साल पूरा करने जा रही है। इस दौरान कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार के कामकाज का आकलन किया जाए तो प्रदेश में साल 2016 के सापेक्ष 2019 में 30 फीसदी कम अपराध दर्ज किए गए हैं। मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण सभी तरह के अपराधों में पिछले तीन सालों में गिरावट दर्ज की गई है।

भूमाफिया व महिलाओं से सम्बन्धित अपराधों पर सरकार का काफी सख्त रवैया रहा है। वहीं, पुलिस के एनकाउंटर अभियान के चलते भी अपराधियों के हौसले पस्त हुए। राज्य सरकार एक ओर माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर संगठित अपराध का खात्मा करने में सफल रही तो दूसरी ओर गैंगस्टर, पेशेवर हत्यारों, लुटेरों और अन्य गंभीर अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की गई, जिसकी बदौलत अपराधों में कमी दर्ज की गई है। यूपी में खाकी की ये सफलता इसलिए भी अहम है, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अखिलेश सरकार की बिगड़ी कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाया था और अपनी सरकार में सुशासन देने का वादा किया था।

डकैती के मामलों में 59.70 और हत्या में 21.71 प्रतिशत की कमी

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 में 263 डकैती के मामले हुए, जबकि 2019 में यह घटकर 106 रह गई। साल 2016 के सापेक्ष 2019 में डकैती में 59.70 प्रतिशत कम दर्ज की गई। इसी तरह साल 2016 में 4118 लूट के मामले हुए, जबकि 2019 में घटकर 2179 रह गए। इसमें 47.09 प्रतिशत की कमी हुई। साल 2016 में 4679 हत्याएं हुईं, जबकि 2019 में इनकी संख्या 3663 रही, हत्या का मामले में 21.71 फीसदी कमी आई। वहीं 2016 में बलवा के 7707 और 2019 में 5611 मामले दर्ज हुए। इस तरह इसके ग्राफ में 27.20 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।

दुष्कर्म के मामलों में 17.90 फीसदी की गिरावट

इसी तरह 2016 में फिरौती के लिए अपहरण के 53 मामले हुए, जबकि साल 2019 में 33 घटनाएं सामने आयीं। इनमें करीब 37.74 फीसदी कमी हुई। दहेज मृत्यु के साल 2016 में 2439 और 2019 में 2375 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह बलात्कार के मामले साल 2016 में 3481 थे, जबकि 2019 में 2858 हुए। इसमें 17.90 फीसदी की कमी आयी।

पॉक्सो अपराधों के विचारण के लिए 144 न्यायालय

सरकार ने पॉक्सो मुकदमों के निस्तारण के लिए 74 एक्सक्लूसिव नियमित न्यायालय तथा बलात्कार एवं पॉक्सो अपराधों के विचारण के लिए 144 नियमित न्यायालय गठित किए हैं। पॉक्सो एक्ट के अपराधों में सजा की बात की जाए तो साल 2018 में मृत्युदंड में 02, आजीवन कारावास में 67 व अन्य सजा-420 हुई है। वहीं 2019 में मृत्युदंड में 03, आजीवन कारावास में 152 व अन्य सजा 585 हुई है।

अरबों रुपये की सम्पति जब्त

इसी तरह सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाया। भू-माफियाओं एवं अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा अवैध रुप से अर्जित लगभग 200 करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति की जब्तीकरण की कार्यवाही भी की है।

निर्भीक होकर घर से बाहर निकल रही बेटियां

योगी सरकार ने छेड़छाड़, दुष्कर्म और महिला सम्बन्धित अपराधों को रोकने के लिए एंटी रोमियो दल का गठन किया। इस दल ने शोहदों के खिलाफ अभियान चलाया। एंटी रोमियो दल की मेहनत रंग लाई और आज स्कूल छात्राएं नौकरी करने वाली युवतियां और महिलाएं निर्भीक होकर घर से बाहर निकलकर अपना भविष्य सवार रही हैं।

अपराध का रास्ता छोड़ कर रहे रोजगार

अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस की सख्त नीति का यह सुखद परिणाम रहा है कि अब प्रदेश का नौजवान अपराध का रास्ता छोड़कर पुलिस तथा अन्य भर्तियों में अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का समावेश कर रहे हैं। यूपी से बाहर पलायन कर गये हजारों की संख्या में नौजवान वापस आ कर रोजगार कर रहे हैं या खुद का व्यवसाय कर रहे हैं।

पुलिस विभाग में हुई 80,349 नई भर्तियां

सरकार ने कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए प्रदेश में विगत तीन साल में 43 नये थानों, 18 नई चौकियों, 69 नए अग्निशमन केंद्रों के निर्माण के साथ लगभग 80,349 नई भर्तियां पुलिस विभाग में की हैं। स्पेशल पुलिस आपरेशन टीम (स्पॉट) का गठन किया गया। महिलाओं की सुरक्षार्थ एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया। यही नहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आर्थिक राजधानी गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किया गया।

क्या बोले पुलिस महानिदेशक

पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी के मुताबिक अपराध पर अंकुश लगाने व कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए समय-समय पर वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये मातहतों को निर्देश दिए जाते हैं। प्रदेश सरकार और जनता को जो पुलिस से उम्मीद है, उस पर शत-प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास किया जा रहा है।

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