छिंदवाड़ा में कुएं में दबे तीन मजदूरों की मौत, 22 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाले शव

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में ग्राम खूनाझिरखुर्द में कुआं धसने से मलबे में दबे तीन मजदूरों की जान नहीं बचाई जा सकी। करीब 22 घंटे चले रेस्क्यू आपरेशन के बाद एनडीआरएफ की टीम ने बुधवार दोपहर उनके शवाें काे कुएं से बाहर निकाल लिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

छिंदवाड़ा के ग्राम खूनाझिरखुर्द निवासी ऐशराव वस्त्राणे के खेत में एक पुराने कुएं का गहरीकरण के दौरान मंगलवार शाम करीब चार बजे मिट्टी धंस गई, जिसमें छह मजदूर फंस गए थे। उनमें से तीन मजदूरों को तो सुरक्षित निकल लिए गया था, लेकिन मलबे में तीन लाेग दबे रहे गए थे। सूचना मिलते ही माैके पर पहुंची पुलिस ने होमगार्ड की मदद से राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया, जो रात भर चला। रात करीब 10 बजे भोपाल से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू में जुट गई। रात भर चले रेस्क्यू के बावजूद कुएं में फंसे तीनाें मजदूरों को बचाया नहीं जा सका।

छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए प्रशासन ने सभी प्रयास किए। खुदाई के दौरान मलबे में दबे मजदूरों को कोई परेशानी न हो, इसलिए जाली लगाई गई थी, ताकि उन्हें सांस लेने में मदद मिल सके। साथ ही ऑक्सीजन भी दी जा रही थी। करीब 22 घंटे चले रेस्क्यू के बाद बुधवार को एनडीआरएफ की टीम ने तीनों मजदूरों को बाहर निकाल लिया, उन्हें चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। मृतक मजदूरों में वासिद (18) पुत्र कल्लू खान निवासी सुल्तानपुर जिला रायसेन, राशिद (18) पुत्र नन्हे खान और शहजादी (50) पत्नी नन्हे खान निवासीगण तुलसीपार बुधनी जिला सीहोर शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्हाेंने मृतकों के परिजनों को शासन की ओर से नियमानुसार 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घाेषणा की। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें