
130th Constitutional Amendment Bill : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। इन विधेयकों का प्रस्ताव है कि यदि किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को पांच साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराध के लिए लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रखा जाता है, तो उन्हें एक महीने के भीतर अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। यदि वे ऐसा नहीं करते, तो उनका पद स्वतः समाप्त माना जाएगा।
इन विधेयकों का विरोध विपक्ष ने किया, विशेष रूप से एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन बताया और सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास है।
क्या है संविधान संशोधन 130?
संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल का गठन होता है। नए संशोधन के अनुसार, यदि कोई मंत्री 30 दिनों तक गंभीर अपराध (5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले) के आरोप में जेल में रहता है, तो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर, उसे पद से हटा देंगे। यदि प्रधानमंत्री स्वयं 30 दिनों तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन तक अपना इस्तीफा देना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते, तो उनका पद अपने आप समाप्त हो जाएगा। राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को भी इसी तरह हटाया जा सकेगा।
संशोधन में विशेष रूप से उल्लेख है कि यदि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री 5 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराध के आरोप में 30 दिनों तक जेल में रहता है, तो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राज्यपाल की सलाह पर, उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
इसके अलावा, इस संशोधन में यह प्रावधान है कि यदि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री हिरासत में है, तो राष्ट्रपति या राज्यपाल उसी व्यक्ति को पुनः प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, यदि वे रिहा हो जाते हैं। इस तरह, हिरासत में रहने के बाद भी उन्हें पुनः नियुक्त किया जा सकता है।
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