
Asifa Bhutto convoy attack video: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उस समय अफरातफरी मच गई जब देश के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की पुत्री आसिफा भुट्टो ज़रदारी के काफिले पर भीड़ ने हमला कर दिया. यह घटना तब घटी, जब आसिफा भुट्टो सिंध के तनदोअल्लाहयार इलाके में एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने जा रही थीं. बताया जा रहा है कि भीड़ महंगाई, बेरोजगारी और पीपीपी सरकार की नीतियों से नाराज़ थी. आसिफा का विरोध प्रतीकात्मक रूप से पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के खिलाफ प्रदर्शन के तौर पर किया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही आसिफा का काफिला इलाके में पहुंचा, प्रदर्शनकारियों ने उसे चारों ओर से घेर लिया. भीड़ के हाथों में लाठियां थीं और उन्होंने काफिले पर हमला कर दिया. कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि लोगों ने काफिले के वाहनों को घेर लिया और लाठियों से हमला किया.
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हमले का कारण: जनता में बढ़ता असंतोष
पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है. गेहूं, आटा, पेट्रोल और दवाओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. सिंध जैसे प्रांतों में स्थिति और भी खराब है, जहां वर्षों से PPP का शासन रहा है. ऐसे में लोगों में शासन के खिलाफ भारी असंतोष पनप रहा है, और उसी का परिणाम यह हमला बताया जा रहा है.
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. आखिर एक राष्ट्रपति की बेटी, जो एक हाई-प्रोफाइल पॉलिटिकल फिगर भी हैं, उनके काफिले पर इस तरह का हमला कैसे हो गया? स्थानीय पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने स्थिति को संभाल लिया और आसिफा को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. जमशोरो और हैदराबाद पुलिस के साथ-साथ आसिफा भुट्टो ज़रदारी की निजी सुरक्षा टीम ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया.
एसएसपी जफर सिद्दीकी ने बताया कि काफिला मुश्किल से एक मिनट रुका था. इस दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. हमले में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और अब तक कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि ये प्रदर्शन सिंध सरकार की उस योजना के विरोध में हुए, जिसमें कृषि भूमि को कॉर्पोरेट कंपनियों को देने की बात है. इसके अलावा एक विवादित नहर परियोजना से संभावित विस्थापन को लेकर भी लोगों में आक्रोश है.
विपक्षी दलों ने सरकार पर बोला हमला
इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिनमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से गाड़ियां भीड़ से घिरी हुई हैं और लाठियों से हमला किया जा रहा है. अब तक पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की ओर से इस हमले की निंदा की गई है, लेकिन विरोध प्रदर्शन को लेकर कोई सीधा बयान नहीं आया है. वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. उनका कहना है कि ये हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि उस असफल शासन व्यवस्था पर जनता का सीधा प्रहार है, जिसने लोगों को गरीबी और बेबसी की कगार पर पहुंचा दिया है.
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और जनता के गुस्से का स्तर अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है. आसिफा भुट्टो ज़रदारी पर हुआ यह हमला न केवल एक नेता के खिलाफ आक्रोश है, बल्कि यह आने वाले समय में पाकिस्तान की राजनीतिक दिशा के लिए एक चेतावनी भी है.