बड़ी नाइंसाफी है : लखनऊ के 154 बिजली घरों के उपभोक्ताओं के लिए बस 21 हेल्प डेस्क, गुस्से में कर्मचारी

  • बिजली घरों पर उपभोक्ताओं की नहीं सुनी जाएंगी शिकायतें, सब कुछ हेल्पडेस्क के हवाले
  • यूनियन ने चेताया कि यदि वर्टिकल व्यवस्था लागू किया गया तो आन्दोलन तेज कर दिया जायेगा

लखनऊ। बिजली विभाग में सब कुछ निजीकरण के लिहाज से हो रहा है। ज्यादा से ज्यादा निजी क्षेत्रों को लाभ हो इसी को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। शनिवार को तालकटोरा-लेसा लखनऊ कार्यालय पर उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ द्वारा 15 नवम्बर 2025 से लखनऊ सहित अन्य जनपदों में लागू की जाने वाली वर्टिकल व्यवस्था का विरोध किया गया।
आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा अधीक्षण अभियन्ता विद्युत नगरीय वितरण मंडल तृतीय तालकटोरा-लेसा लखनऊ कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए अधीक्षण अभियन्ता के माध्यम से अध्यक्ष-उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड शक्ति भवन लखनऊ के नाम संबोधित ज्ञापन दिया गया।
विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था के तहत लखनऊ जनपद में 154 बिजली घर हैं। जहां पर उपभोक्ताओं द्वारा अपनी शिकायतों को अपने नजदीकी बिजली घर पर दर्ज कराया जाता है।‌ वहीं, वर्टिकल व्यवस्था में मात्र 21 हेल्प डेस्क बनाये जा रहे हैं ऐसे में 154 के स्थान पर 21 हेल्प डेस्क बनाने से उपभोक्ताओं को अपनी शिकायतों को दर्ज कराने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ेगी। इसी प्रकार से यदि किसी उपभोक्ता को हाइटेंशन लाइन 33000 वोल्ट, 11000 वोल्ट और बिलिंग से संबंधित कोई समस्या होती है तो वर्तमान व्यवस्था में इन सभी समस्याओं का समाधान केवल एक अधिशासी अभियंता से संपर्क करने पर हो जाता है लेकिन वर्टिकल व्यवस्था लागू होने पर इन तीनों समस्याओं के समाधान हेतु 3 अधिशासी अभियन्ताओं से संपर्क करना पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
संगठन पदाधिकारियों द्वारा आगे कहा गया कि वर्टिकल व्यवस्था लागू करने से पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार होंगे। वहीं पॉवर कॉरपोरेशन पर आर्थिक भार बढ़ेगा। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि जिन जनपदों में वर्टिकल व्यवस्था लागू किया गया है, उन जनपदों से सम्बन्धित संगठन द्वारा पॉवर कॉरपोरेशन और पांचों डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों से वर्टिकल व्यवस्था लागू करने के सम्बन्ध में 7 प्रश्न पूछे गए हैं लेकिन किसी भी प्रबंध निदेशक द्वारा संगठन के प्रश्नों का जवाब नहीं दिया गया है। जिससे प्रतीत होता है कि वर्टिकल व्यवस्था ना तो कर्मचारी हित में है ना ही उपभोक्ता हित में और ना ही विभाग हित में है। यूनियन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में यदि वर्टिकल व्यवस्था लागू किया गया तो संगठन द्वारा आन्दोलन को तेज कर दिया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेदारी पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन की होगी।

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