
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने रविवार को राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधीपीठ पीछे गड़बड़ कर रहे हैं। नक्सलवाद देश के सबसे बड़े संकटों में से एक है और इसमें भी राहुल गांधी की भूमिका संदिग्ध लगती है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज स्थानीय सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दाैरान नक्सलवाद की समस्या पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर यह गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले अभियान के दाैरान तेलंगाना सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी “पीठ पीछे गड़बड़” कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद देश के सबसे बड़े संकटों में से एक है और इसमें भी राहुल गांधी की भूमिका संदिग्ध लगती है। मेरे पास इसके प्रमाण मौजूद हैं, जिनके आधार पर मैं यह बात कह रहा हूं।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने नक्सलियाें से वार्ता करने के सवाल पर कहा कि सरकार नक्सलियाें से वार्ता करने को तैयार हैं, पर नक्सली किस विषय पर वार्ता करना चाहते हैं, इसका मसौदा उन्हें प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि नक्सली हथियार छोड़ें तो सरकार उनके पुनर्वास के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नक्सली घटनाओं में हुई एफआईआर को भी सरकार वापस लेने को तैयार है, लेकिन इसके लिए नक्सलियों को अपने हथियार डालने होंगे।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री में नक्सली संगठनों की स्थिति और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि सुकमा जिले के बड़े शेट्टी गांव ने स्वयं को नक्सली मुक्त घोषित कर दिया है, जिसकी वजह से भाजपा सरकार ने अपनी घोषणा के अनुरूप गांव के विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रूपये की राशि की ग्राम पंचायत को प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि नक्सली लगातार आम आदिवासियों को अपना निशाना बनाते रहे हैं । उन्होंने चिंगावरम की घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे नक्सलियों ने यात्री बस को निशाना बनाकर 16 ग्रामीणों काे बारूदी विस्फोट से उड़ा दिया था । उन्होंने गांव वालों से अपील की है कि वह सामंजस्य से गांव से जो भी लोग नक्सली संगठन से जुड़े हैं, उनसे चर्चा कर उन्हें वापस लौटने के लिए प्रेरित करें । उन्हाेने कहा कि नक्सलियों के बड़े लीडरों के बच्चे तो विदेशों में शिक्षा ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नक्सली बस्तर के आदिवासियों को और उनके बच्चों को प्राइमरी और मिडिल स्कूल तक भी पढ़ने देना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि बस्तर में 200 से अधिक स्कूलों को नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया है।
उल्लेखनीय है कि बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले सबसे लंबी अवधि तक चले नक्सली अभियान में 31 वर्दीधारी नक्सली मारे गए हैं। मुठभेड़ों के दौरान 35 हथियार, 450 आईईडी, सैकड़ों बंकर और नक्सलियों की तकनीकी इकाइयां भी नष्ट की गई है। 21 अप्रैल से 11 मई के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में 16 वर्दीधारी महिला नक्सली सहित कुल 31 वर्दीधारी नक्सलियों के शव और 35 हथियार बरामद किए गए हैं।
प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि मुठभेड़ स्थल से बरामद शव प्रतिबंधित नक्सली संगठन अंतर्गत पीएलजीए बटालियन नंबर 1, तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के नक्सली कैडर्स के हैं। इस अभियान में अब तक कुल 216 नक्सली ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए हैं। उपरोक्त नक्सली ठिकाने और बंकर की तलाशी अभियानों के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए थे।