
भारतीय रेलवे में ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। TTE न केवल ट्रेनों में यात्रियों के टिकट चेक करते हैं, बल्कि उनकी सीट कंफर्म करते हैं और बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जुर्माना भी लगाते हैं। वहीं, टिकट कलेक्टर (टीसी) केवल रेलवे स्टेशन पर ही टिकट चेक करता है, जबकि TTE ट्रेन में यात्रा करते हुए यात्रियों के साथ सफर करता है।
TTE की सैलरी उनके अनुभव और ग्रेड पे के आधार पर तय होती है। भारतीय रेलवे में टीटीई का मूल वेतन सातवें वेतन आयोग के तहत ₹9,400 से ₹35,000 प्रति माह के बीच होता है, जिसमें ₹1,900 का ग्रेड पे भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन्हें महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य भत्ते भी मिलते हैं, जिससे उनकी कुल मासिक सैलरी अनुभव और प्रमोशन के बाद ₹50,000 से ₹70,000 तक पहुंच सकती है।
अब, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इस आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की जाएगी, और अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 निर्धारित किया जाता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकती है। यह वृद्धि लगभग 69% तक हो सकती है, जो पिछले 40 वर्षों में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में हुई सबसे बड़ी वृद्धि को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, अगर वर्तमान में टीटीई का मूल वेतन ₹25,500 है, तो फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होने के बाद यह बढ़कर ₹72,930 तक पहुंच सकता है।
यह जानकारी संभावित है और विभिन्न रिपोर्ट्स के आधार पर दी गई है।