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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा है कि अब तो सरकार वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की बात भी नहीं हो रही है। पूरे बजट में वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का कहीं जिक्र नहीं आया। जो वर्तमान ग्रोथ रेट है उससे ये कभी वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते हैं।
भाजपा सरकार के नौवे बजट में भी पहले के बजटों की तरह कोई विजन नहीं है। बजट में कोई रोड मैप नहीं है कि उत्तर प्रदेश को किस दिशा में ले जाना है। इस बजट का भाजपा के घोषणा पत्र से भी कोई तालमेल नहीं है। बजट में कोई स्पष्टता नहीं है कि किसानों, नौजवानों के लिए क्या करना है। यह बजट नहीं बड़ा ढोल है। आवाज तो बहुत है पर अंदर से खाली है। यह बजट खोखला है। इसकी झोली खाली है। अखिलेश यादव ने कहा कि बजट देखकर किसानों की उम्मीद का खेत सूख गया है।
महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरे और बढ़ गयी है। बेरोजगारों की आंखों के आगे अंधेरा छा गया है। बजट देखकर व्यापारी कारोबारी और मंडी की मार और गहरा गयी है। विधानसभा में मेज पीटने वाले भाजपा के विधायकों और मंत्रियों के गले बजट देखकर सूख गये क्योंकि अपने विधानसभा क्षेत्र में उन्हें ही बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। उन्हें जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि बजट में महंगाई, बेरोजगारी दूर करने के लिए कुछ नहीं है। इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ नहीं है। बजट देखकर बुनकरों का तानाबाना रूक गया है। जनता पूछ रही है कि जुमला मंत्रालय के लिए कितना बजट दिया गया है?
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में जो वादे किये थे वह बजट में कहीं दिखाई नहीं दिए। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का वादा, 25 हजार करोड़ की लागत के साथ एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने की बात थी। छात्रों को लैपटॉप देने का वादा था। भाजपा के वादों का क्या हुआ, यह सब वादे बजट में अभी तक नहीं आया। इस सरकार में बुन्देलखंड का मूंगफली का किसान बर्बाद हो गया। उसकी खरीद नहीं है। भाजपा ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था, उस वादे का क्या हुआ। समाजवादी पार्टी सरकार ने किसानों के लिए मंडियों का निर्माण किया था इस सरकार ने उन्हें चौपट कर दिया। गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में देने का वादा था भुगतान न होने पर ब्याज समेत भुगतान दिलाने का वादा किया था। किसान इंतजार करता रह गया है।
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अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार ने गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया। गन्ना किसानों के बकाये की जानकारी नहीं देते है। किसान चाहते थे कि गन्ने की कीमत बढ़ाई जाय लेकिन डबल इंजन की सरकार ने डबल ब्लंडर किया है। भाजपा ने चार हजार एफपीओ बनाने और उनकी 18 लाख रूपये से मदद का वादा किया था वह भी अधूरा रहा। स्मार्टसिटी बनाते-बनाते अब स्मार्ट क्लास पर आ गये है। इस सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया। विश्वविद्यालय बजट के लिए रो रहे है। देश में 11 लाख प्राथमिक विद्यालय बंद हो गये। उसमें से सबसे ज्यादा यूपी में बंद हो गये। पूरे स्वास्थ्य विभाग को खुद इलाज की जरूरत है। सरकार लोगों को इलाज नहीं देना चाहती है। सरकार चाहती है कि उनके प्राइवेट पार्टनर इलाज दे।
वित्तमंत्री के गृह क्षेत्र को मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाएं और स्टाफ नहीं है। हार्ट, किडनी, शुगर, कैंसर समेत तमाम बीमारियां तेजी से बढ़ रही है। गरीबों को इनका इलाज नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री जी नौ साल से सरकार में है। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज और एम्स में कैंसर का इलाज नहीं है। कैंसर इलाज के लिए समाजवादी सरकार में बनाए गये कैंसर संस्थान, लखनऊ आना पड़ता है। सरकार ने कैंसर संस्थान का नाम बदल दिया लेकिन पर्याप्त बजट नहीं दे रही है।