हरेला पर्व के दौरान पेड़ों की कटाई से हरिद्वार में मचा हड़कंप, असली माफिया अब भी फरार

बहादराबाद/हरिद्वार। जब पूरा उत्तराखंड हरेला पर्व की हरियाली में मग्न था, उसी समय बहादराबाद थाना क्षेत्र में दिल्ली-हरिद्वार हाईवे के किनारे लगभग 60 हरे-भरे आम के पेड़ों की बेरहमी से कटाई ने पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया। यह घटना 9 और 10 जुलाई की रात को घटी, जिसके वीडियो स्थानीय नागरिकों और पत्रकारों द्वारा रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल किए गए। मामला राष्ट्रीय मीडिया तक पहुंचा, मगर अब तक हुई कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

सिर्फ ‘बाग मालिक’ नामजद, असली पेड़ माफिया अब भी बेनकाब

उद्यान विभाग की तहरीर पर बहादराबाद थाना पुलिस ने एक बाग मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन जिन लोगों ने कटाई की असली योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, वे अब तक खुलेआम घूम रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब प्रशासनिक मिलीभगत का परिणाम है।

संत समाज और पर्यावरण संगठन उठे मैदान में

  • मातृसदन के ब्रह्मचारी सदानंद ने घटना की कड़ी निंदा की और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी।
  • महामंडलेश्वर प्रमोदानंद गिरि ने इसे “पर्यावरण जिहाद” बताते हुए सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।
  • उनका कहना है, “अगर अब भी सरकार नहीं जागी, तो कल गंगा किनारे वृक्षविहीन रेगिस्तान बचेगा।”

सामने आए चार प्रमुख वीडियो सबूत

  1. घटना की रात का ग्राउंड वीडियो, जिसमें पेड़ों की कटाई साफ दिखती है
  2. सदानंद ब्रह्मचारी का विरोधात्मक बयान
  3. वन रेंजर शैलेश इंद्र नेगी का बयान, जिसमें उन्होंने जिम्मेदारी उद्यान विभाग पर डाली
  4. महामंडलेश्वर प्रमोदानंद गिरि का प्रशासन को सीधा संदेश

पेड़ों की न जब्ती, न कोई ट्रक रोका गया

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कटे पेड़ों की लकड़ी की जब्ती तक नहीं हुई, न ही लकड़ी ले जा रहे ट्रकों को रोका गया — इससे प्रशासनिक संलिप्तता के आरोप और मजबूत हो गए हैं।

हरिद्वार में अब तक 800 से ज्यादा पेड़ों की अवैध कटाई

पिछले दशहरे से अब तक हरिद्वार जिले में 700 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काटे जा चुके हैं, और एक ही माफिया गिरोह अलग-अलग नामों से सक्रिय है।

कानून कमजोर, जुर्माना मामूली

उद्यान विभाग के अनुसार, ₹5,000 प्रति पेड़ जुर्माना या मुकदमा ही एकमात्र कानूनी रास्ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में वृक्षों की बड़े पैमाने पर कटाई रोकने के लिए अब तक कोई ठोस केंद्रीय कानून नहीं है।

जनता की मांग — प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील

हरिद्वार के नागरिकों, संत समाज और पर्यावरण प्रेमियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि इस मामले को राष्ट्रीय प्राथमिकता में लें और कड़े व स्थायी पर्यावरण सुरक्षा कानून बनाएं।

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