- गरीबों और हाशिए के समुदायों के लिए भी कोई विशेष राहत नहीं, जिससे उनकी आजीविका और जीवन स्तर में सुधार की संभवानाएं नहीं दिखती- आर के शर्मा
गुरमा,सोनभद्र। शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (उत्तर प्रदेश ) के राज्य कार्यकारिणी सदस्य और सोनभद्र के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि.. बजट 2025 को देखने पर यह प्रतीत होता है कि इसकी प्राथमिकता मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के लिए अधिक है, जबकि हाशिए पर रहने वाले (marginalized) वर्गों के लिए अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है, मध्यम और उच्च वर्ग के लिए अधिक लाभ पहुंचाने का काम किया गया है।
कर छूट और कटौती के बहाने बजट में ₹15 लाख – ₹20 लाख की आय वालों के लिए कर दर 30% से घटाकर 25% कर दी गई है। इसका सीधा लाभ मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग को मिलेगा। कॉर्पोरेट सेक्टर और MSMES को राहत के साथ क्रेडिट गारंटी योजनाओं और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने से व्यापारिक और संपन्न वर्ग को अधिक लाभ मिलेगा। ब्याज दरों में कटौती की संभावना से यह होम लोन और बिज़नेस लोन लेने वालों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इससे बैंकिंग सेक्टर को नुकसान होगा। इस बजट में हाशिए के वर्गों के लिए कोई ध्यान नहीं दिया गया ।
मनरेगा और अन्य सामाजिक योजनाओं में बढ़ोतरी नहीं। रोजगार गारंटी योजनाओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया, जिससे ग्रामीण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सीधा लाभ नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य और शिक्षा पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया जिससे सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी स्कूलों को मजबूत करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं दिखती।
महंगाई नियंत्रण के लिए कोई विशेष उपाय नहीं, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस राहत योजना नहीं दी गई, जिससे गरीब और श्रमिक वर्ग प्रभावित होंगे। राशन और सब्सिडी योजनाओं में सुधार की कमी: सरकार सब्सिडी कम करने की दिशा में बढ़ रही है, जिससे गरीब वर्ग पर असर पड़ेगा।
कामरेड आर के शर्मा ने कहा कि इस बजट का यही निष्कर्ष है कि यह बजट मध्यम और उच्च वर्ग के लिए अधिक अनुकूल है, खासकर टैक्स छूट और निवेश को देखते हुए मंहगाई से जूझ रही आम जनता को कोई राहत नहीं।गरीबों और हाशिए के समुदायों के लिए भी कोई विशेष राहत नहीं है, जिससे उनकी आजीविका और जीवन स्तर में सुधार की संभावनाएं सीमित हो जाती हैं।