हिंदुस्तान में दो विचारधाराओं की लड़ाई है : राहुल गांधी

पटना। हिंदुस्तान में दो विचारधाराओं की लड़ाई है। एक तरफ आरएसएस, जो देश को खांचों में बांटना चाहती है। जाति‍ का खांचा, धर्म का खांचा, प्रदेश का खांचा, भाषा का खांचा, स्त्री-पुरुष का खांचा और दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी, हम सब, महागठबंधन जो देश को जोड़ना चाहता है, हर धर्म को, हर जाति‍ को एक साथ लाकर आगे ले जाना चाहता है। यह बातें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के किशनगंज में आयाेजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि मैंने 4,000 किमी भारत जोड़ो यात्रा की, उसमें एक ही मैसेज था, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है। उनकी यात्रा होती है और वो कहते हैं कि हमें नफरत फैलानी है, नफरत का बाजार खोलना है और मोहब्बत की दुकानों को बंद करना है। हम कहते हैं – हमें नफरत को मिटाना है, नफरत के बाजार को बंद करना है और मोहब्बत की दुकान खोलनी है, यही राजनीति चल रही है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी में, उनकी सोच में नफरत है। वह बांटना चाहते हैं, नफरत फैलाना चाहते हैं। दूसरी तरफ मेरे खून में मोहब्बत है, भाईचारा है और हिंदुस्तान को मैं जोड़ना चाहता हूं। यह फर्क है, यह लड़ाई है। बीजेपी, आरएसएस एक तरफ, नरेंद्र मोदी, अमित शाह एक तरफ, कांग्रेस पार्टी दूसरी तरफ, राहुल गांधी दूसरी तरफ, खरगे जी दूसरी तरफ, तेजस्वी जी दूसरी तरफ। यही बात चल रही है। नफरत से इनको क्या मिलता है? मैं आपको बताता हूं। नफरत से इनको देश का धन मिलता है, नफरत से ये जनता के ध्यान को इधर-उधर भटका सकते हैं, नफरत से ये जनता को डरा सकते हैं और जब जनता डरती है, तो जनता सही सवाल नहीं पूछती।

उन्होंने कहा कि बिहार में, हिंदुस्तान में तीन-चार राजनीतिक सवाल हैं। सबसे पहला और सबसे जरूरी राजनीतिक सवाल- इस देश के युवा को और बिहार के युवा को रोजगार क्यों नहीं मिल रहा है? दूसरा – अगर युवाओं को रोजगार देना है तो बिना शिक्षा, बिना कॉलेज, बिना यूनिवर्सिटी, बिना स्कूल ये नहीं किया जा सकता है। तो दूसरा सवाल बिहार में यूनिवर्सिटीज, कॉलेजेस सारे के सारे या बेचे जा रहे हैं या बंद हो रहे हैं और अगर बिहार के युवा को रोजगार चाहिए, तो उसे दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी करनी पड़ती है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं – आप अलग-अलग प्रदेशों में गए हो। बिहार के लोग आपको अरुणाचल प्रदेश में मिलेंगे, दिल्ली में मिलेंगे, पंजाब में मिलेंगे, कर्नाटका में मिलेंगे, बैंगलोर में मिलेंगे, हैदराबाद में मिलेंगे, दुबई तक बिहार के लोग आपको मिलेंगे, मगर जहां भी आप जाओगे, बिहार के लोग मेहनत करते हैं, खून-पसीना देते हैं, ये बड़ी-बड़ी इमारतें बनाते हैं, सड़कें बनाते हैं, हाईवे बनाते हैं, पुल बनाते हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर बनाते हैं, कॉलेज-यूनिवर्सिटि‍यां बनाते हैं, अस्पताल बनाते हैं। मगर सारे के सारे बिहार के लोग बाकी प्रदेशों में मजदूरी करते हैं। क्या आप खुश हो कि बिहार की जनता देश में मजदूरी करती है? क्या आप चाहते हो कि बिहार के युवा का भविष्य देश के बाकी प्रदेशों में मजदूरी करने का हो? चाहते हो? (जनसभा ने कहा – नहीं) अगर नहीं चाहते हो तो फिर आपको मालूम है आपको, किसको वोट देना है। नीतीश जी ने बिहार में और मोदी जी ने देश में रोजगार खत्म करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि आपके पास जो मोबाइल फोन है उसके पीछे देखिए क्या लिखा है। उसके पीछे लिखा है – मेड इन चाइना। शर्ट के पीछे देखिए मेड इन चाइना, मेड इन वियतनाम, मेड इन बांग्लादेश। जो भी यहां माल बिकता है, वह चीन, जापान, कोरिया या वियतनाम में बनता है। हम चाहते हैं कि फोन के पीछे ‘मेड इन चाइना’ ना लिखा हो, ‘मेड इन बिहार’ लिखा हो। यहां पर आप पाइनएप्पल उगाते हो, मक्का उगाते हो, बिहार में मखाना उगाया जाता है, मक्का, मछली, अलग-अलग फल, आम, पाइनएप्पल। मैं आपसे पूछना चाहता हूं पिछले 20 साल में नीतीश जी ने कितने फूड प्रोसेसिंग प्लांट चालू किए? कितने फूड प्रोसेसिंग यूनिट पाइनएप्पल को प्रोसेस करने वाले, आम को प्रोसेस करने वाले, मछली को प्रिजर्व करने वाले, मखाना बनाने वाले कितने यूनिट नीतीश जी ने यहां स्थापित किए?

उन्होंने कहा कि अमित शाह यहां आते हैं और कहते हैं, बिहार में उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है। सीधा स्टेज से आपको झूठ बोलते हैं। जमीन की बिहार में कोई कमी नहीं है। अडानी के लिए जितनी भी जमीन चाहिए, नीतीश जी और नरेंद्र मोदी की सरकार देने को तैयार है। बिहार में एक एकड़ एक रुपए में अडानी को दिया गया है। मगर फूड प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगेगा, पाइनएप्पल प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगेगा। जो मखाना पानी में से निकालते हैं, मेहनत करते हैं, उस मखाने का फायदा उनको बिहार में नहीं मिल सकता है। अमेरिका में हजारों रुपए में मखाना बिकता है, मगर बिहार में जो मेहनत करता है, उस बिक्री से उसको कोई फायदा नहीं मिलता। बिचौलियों को मिलता है या फिर बड़ी-बड़ी कंपनियों को मिलता है या फिर अमेरिका की कंपनियों को मिलता है। फायदा बिहार की जनता को, बिहार के युवाओं को नहीं होता।

उन्होंने कहा कि एक समय होता था, जब बिहार में दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी थी। नालंदा यूनिवर्सिटी कोने-कोने से आते थे। चीन से, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड, वियतनाम से बिहार आते थे। क्यों आते थे? नालंदा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने आते थे, नालंदा यूनिवर्सिटी में शिक्षा लेने आते थे। मैं चाहता हूं कि फिर से इस बिहार में दुनिया की सबसे अच्छी हाई क्वालिटी की यूनिवर्सिटी बने। मैं चाहता हूं कि दुनिया के सबसे अच्छे स्कूल, इंग्लिश मीडियम स्कूल, सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी, सबसे अच्छे कॉलेज इस बिहार में बनें।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन यहां चुनाव जीतेगा, शिक्षा का काम हम करेंगे, यूनिवर्सिटी-कॉलेजेस खोलेंगे। सरकारी यूनिवर्सिटी, सरकारी कॉलेज, सरकारी स्कूल, इंग्लिश मीडियम स्कूल हम खोलेंगे। मगर राहुल गांधी भी आपको एक वायदा करना चाहता है, जैसे ही इंडिया गठबंधन की हमारी सरकार बनेगी, दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी बिहार में हम आपके लिए खोलकर देंगे। लोग अमेरिका, जापान, कोरिया, चीन से बिहार की यूनिवर्सिटी में आकर पढ़ाई करेंगे और फिर वापस जाकर कहेंगे दुनिया में सबसे बेहतरीन शिक्षा बिहार में मिलती है, यह हमारा वायदा है आपसे।

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