संवाद व अनुसंधान का संगम स्थल बना ‘थेरा कनेक्ट-2025’ : देश-विदेश के दिग्गजों ने साझा किए नवाचार

अंतरराष्ट्रीय फिजियोथेरेपी सम्मेलन का भव्य समापन

गुरुग्राम। प्रतिष्ठित एसजीटी यूनिवर्सिटी के परिसर में अंतरराष्ट्रीय फिजियोथेरेपी सम्मेलन का भव्यता के साथ समापन हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन ने ज्ञान, नवाचार और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुभांशु मित्तल के उद्बोधन से हुआ। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और विद्वानों ने भाग लिया।
मुख्य वक्ताओं में डॉ. अली ईरानी (हेड ऑफ डिपार्टमेंट, नानावटी मैक्स हॉस्पिटल, मुंबई) विशेष आकर्षण रहे। उन्होंने ब्रेन मैपिंग और इसके स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस व रिहैबिलिटेशन में उपयोग पर अपने विचार साझा किए। उनका सत्र खेल पुनर्वास और तंत्रिका विज्ञान की समझ को एक नई दिशा देने वाला रहा।

कई अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भी अपने अनुभव साझा किए।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ जोंग यौन ने फिजियोथेरेपी शिक्षा और अभ्यास पर वैश्विक दृष्टिकोण प्रस्तुत कियाI
डॉ. अभिरूप चटर्जी, सीनियर प्रोजेक्ट साइंटिस्ट और हेड, सीओईओ ने पुनर्वास विज्ञान के भविष्य में नवाचार और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. बार्टोज़ प्रभुक्की (पोलैंड) ने पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक साक्ष्य-आधारित उपचारों के बीच पुल बनाने वाले अपने शोध निष्कर्ष साझा किए। डॉ. वज़ीर सिंह फोगाट, (हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर, एथलेटिक्स – स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया), ने खिलाड़ियों की पुनर्वास प्रक्रिया और चोटों की रोकथाम पर महत्वपूर्ण विचार रखे। डॉ. चित्रा कटारिया, (प्रिंसिपल, आईएएसआईसी इंस्टिट्यूट ऑफ रिहैब साइंसेज ने मरीज-केंद्रित पुनर्वास की आधुनिक पद्धतियों पर प्रकाश डाला।
इन सभी विशेषज्ञों के अनुभवों और विचारों ने थेरा कनेक्ट-2025 को ज्ञान, संवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उत्कृष्ट मंच बना दिया। सम्मेलन में पोस्टर और पेपर प्रेजेंटेशन सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों ने अपने अभिनव विचारों और वैज्ञानिक कार्यों को प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों ने फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में हो रहे प्रगतिशील अनुसंधान की गहराई को उजागर किया।

शाम के समय कार्यक्रम का माहौल सांस्कृतिक रंगों से भर गया। कल्चरल नाइट में ऊर्जा, संगीत और कला का अद्भुत संगम देखने को मिला। जहां जोशीले भांगड़ा के साथ शास्त्रीय और समकालीन नृत्य प्रस्तुतियों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत कर दिया।

पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता ने कार्यक्रम में रचनात्मकता का एक नया रंग भरा। प्रतिभागियों ने विज्ञान और कला का बेहतरीन संयोजन पेश किया, जो उनकी सोच और कल्पनाशक्ति को दर्शाता था। कार्यक्रम का समापन वेलिडिक्ट्री सेरेमनी और पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। इसमें बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन, बेस्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन, क्लिनिकल एक्सीलेंस अवॉर्ड और सर्वश्रेष्ठ शोध कार्य (यूजी, पीजी और प्रोफेशनल श्रेणी में) जैसे पुरस्कार प्रदान किए गए।

यूजी श्रेणी में नवोदित फिजियोथेरेपिस्टों की उत्साहपूर्ण भागीदारी और उनके अभिनव कार्यों ने यह साबित किया कि आने वाली पीढ़ी चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार हैI

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