‘हिंदू आतंकवाद की थ्योरी कांग्रेस की है..’ राज्यसभा में अमित शाह बोले- हिंदू टेररिस्ट हो ही नहीं सकता

Amit Shah on Congress : राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया, जिसके दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। शाह ने जैसे ही अपने संबोधन की शुरुआत की, विपक्ष ने सदन में प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग करते हुए नारे लगाए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री का सदन में उपस्थित न होना सदन का अपमान है, क्योंकि उनसे संबंधित कई सवाल हैं।

इसके जवाब में अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष की मांग उचित नहीं है और प्रधानमंत्री कार्यालय में ही हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “उनको सुनने का ज्यादा शौक है क्या, फिर और तकलीफ होगी इस बात को ये समझते नहीं हैं।” शाह के जवाब के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष इसलिए वॉकआउट कर रहा है क्योंकि वे यह सुन नहीं सकते कि उन्होंने अपने वोट बैंक को बचाने के लिए 10 साल में क्या-क्या किया है। उन्होंने यह भी बताया कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह तय हुआ था कि सरकार जिससे चाहे जवाब दिलवा सकती है।

‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता और आतंकियों का खात्मा

गृह मंत्री ने ‘ऑपरेशन महादेव’ का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें तीन आतंकी मारे गए, जिनमें पहलगाम हमले में शामिल आतंकी सुलेमान भी था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया गया। शाह ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद वे कश्मीर पहुंचे और सुरक्षा बैठक की। उन्होंने सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, एनआईए और एफएसएल के अधिकारियों को ‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता के लिए बधाई दी। शाह ने कहा कि आतंकियों के माथे पर गोली मारने के संदेश मिले थे और आतंकियों को माथे पर गोली मारकर ही ढेर किया गया।

चिदंबरम पर निशाना और कांग्रेस पर सवाल

अमित शाह ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर तीखा निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वे पाकिस्तान को मदद पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा से पहले चिदंबरम ने हमले के सबूत क्यों मांगे और किसे बचाना चाहते थे। शाह ने यह भी कहा कि जिस दिन चिदंबरम ने सवाल पूछे, उसी दिन ये तीन आतंकी मारे गए। उन्होंने कांग्रेस पर ऑपरेशन के नाम पर सवाल उठाने का आरोप लगाया और पूछा कि कांग्रेस इसका क्या नाम रखना चाहती थी।

शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हर मुद्दे को हिंदू-मुसलमान की नजर से देखती है और ‘ऑपरेशन महादेव’ में भी हिंदू-मुस्लिम न खोजे। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वे पूछते हैं कि आतंकी आज ही क्यों मारे गए, जबकि उन्हें कितना जिंदा रखना चाहते थे। शाह ने कहा कि आतंकियों को मारना आसान नहीं होता और कांग्रेस की प्राथमिकता सिर्फ अपना वोट बैंक है।

आतंकवाद पर मोदी सरकार की दृढ़ता और कांग्रेस पर हमला

अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमले के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की और कश्मीर पहुंचे, जहां उन्होंने दूसरे दिन सुरक्षा बैठक की। उन्होंने इसे अपने जीवन का एक ऐसा दिन बताया जिसे वे कभी नहीं भूल सकते। शाह ने आतंकवादियों को संदेश दिया कि वे कितनी भी कोशिश कर लें, कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर रहेगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 24 अप्रैल को बिहार में दिए गए बयान का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि पहलगाम हमला भारत की आत्मा पर है और आतंकियों तथा साजिश रचने वालों को कल्पना से बढ़कर सजा दी जाएगी। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के कथन के अनुरूप, आतंकियों के ठिकाने मिट्टी में मिल गए हैं और उन्हें भेजने वालों को भी सेना ने मिट्टी में मिला दिया है। उन्होंने बताया कि 7 मई को पाकिस्तान के 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया गया और 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।

शाह ने राज्यसभा में एक बड़ा ऐलान भी किया कि पीओके कांग्रेस ने दिया था लेकिन उसे वापस लेने का काम बीजेपी करेगी। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था, लेकिन पाकिस्तान ने इसे खुद पर ले लिया। 8 मई को पाकिस्तान द्वारा रिहायशी इलाकों और सेना के ठिकानों पर हमला करने की कोशिश के जवाब में भारत ने उनके एयरबेस को ध्वस्त कर दिया। शाह ने दावा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान में खौफ पैदा हो गया है और डर से ही शांति होती है।

‘हिंदू टेरर’ और कांग्रेस की आतंकवाद नीति पर प्रहार

अमित शाह ने ‘हिंदू टेरर’ के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपनी छिछोरी राजनीति के लिए फर्जी केस बनाए। शाह ने कांग्रेस की इस बात का भी जवाब दिया कि बीजेपी हमेशा नहीं रहेगी, यह कहते हुए कि वह 61 साल के हुए हैं और 2014 से 2030 तक बीजेपी की ही सरकार रहेगी।

उन्होंने भारतीय सेना के लिए कांग्रेस द्वारा की गई तैयारियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि आज सेना ब्रह्मोस से लैस है, जो 11 साल में हुए परिवर्तन का परिणाम है। शाह ने कहा कि अगर पहलगाम हमला कांग्रेस के राज में हुआ होता तो पाकिस्तान को तुरंत क्लीनचिट मिल जाती और वे कुछ नहीं करते, बस डोजियर भेजते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बीजेपी से आतंकवाद पर सवाल पूछने का कोई हक नहीं है।

अनुच्छेद 370 का उन्मूलन और कश्मीर में बदलाव

गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को हटाने के मोदी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 तक जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग संविधान चलते रहे, जिससे अलगाववाद को पोषण मिलता रहा और पाकिस्तान को हर युवा को बरगलाने का मौका मिलता रहा। शाह ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पूरे आतंकी इकोसिस्टम को खत्म करने का प्लान बना और विकास की नई परियोजनाएं शुरू हुईं।

उन्होंने आंकड़े देते हुए बताया कि 2010 से 2015 के बीच जम्मू-कश्मीर में 2,564 पथराव की घटनाएं हुई थीं, जबकि 2024 के बाद एक भी घटना नहीं हुई है। इसी तरह, पाकिस्तान में बैठे हुर्रियत के आका जो सालाना 132 दिन घाटी बंद रखते थे, पिछले तीन साल से एक भी हड़ताल का ऐलान नहीं हुआ है। शाह ने कहा कि पहले आतंकियों के जनाजे में 10-10 हजार लोग शामिल होते थे, लेकिन अब यह नहीं होता। एनआईए और ईडी की कार्रवाई से जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों को बंद किया गया और आतंकियों के इकोसिस्टम को खत्म किया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि पहले तीन परिवारों की सत्ता थी और फर्जी वोटिंग होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि कश्मीर में आतंकवाद समाप्ति की ओर है और पिछले 6 महीने में कश्मीर का एक भी युवा आतंकी संगठनों में भर्ती नहीं हुआ है।

कांग्रेस की नीतियों पर तीखे सवाल

अमित शाह ने कांग्रेस पर आतंकवाद को पोषण देने का आरोप लगाया और पूछा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में आतंकवाद को खत्म करने के लिए लाए गए पोटा कानून का कांग्रेस ने विरोध क्यों किया और उसे सत्ता में आते ही रद्द क्यों कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में ऐसा कोई साल नहीं गुजरा जिसमें आतंकी हमले न हुए हों, लेकिन कांग्रेस ने कोई कानून नहीं लाया।

शाह ने पूछा कि दाऊद इब्राहिम, सलाउद्दीन, टाइगर मेमन और इकबाल भटकर जैसे आतंकी किसके राज में भागे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने यूएपीए और एनआईए में संशोधन किए, अनुच्छेद 370 को निरस्त किया और नफीस की स्थापना करके एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार किया है। उन्होंने कांग्रेस के उन बयानों पर भी हमला किया, जिनमें कहा गया था कि आतंकियों और घुसपैठियों को रोकना संभव नहीं है।

चीन और कोविड वैक्सीन पर राहुल गांधी को जवाब

अमित शाह ने राहुल गांधी के चीन के बारे में चुप्पी के सवाल पर भी जवाब दिया। उन्होंने पूछा कि चीन को जमीन देने का काम किसने किया और सुरक्षा परिषद में चीन के लिए वकालत किसने की। शाह ने राजीव गांधी फाउंडेशन के चीन के साथ एमओयू पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश को इस बारे में बता सकते हैं। उन्होंने कहा, “जब नाम लेना होगा, लेंगे। आप देश की जनता को बताओ कि क्या समझौता किया था। युद्ध की स्थिति में कैसे समझौता कर सकते हो।”

कोविड वैक्सीन पर भी शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब भारत ने टीका बनाया तो ये लोग मजाक कर रहे थे, लेकिन भारत ने सबसे पहले टीका बनाया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में मोदी युग स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा और 2047 में भारत विकसित होकर नंबर वन होगा। अंत में, शाह ने देश की जनता से कहा कि वे आतंकवाद को समाप्त करके रहेंगे।

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