
नई दिल्ली : दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज एमएससी इरिना सोमवार को केरल के तिरुवनंतमपुरम में विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर सुबह आठ बजे पहुंचा। कंटेरन जहाज के यहां पहुंचने पर उसका स्वागत पारंपरिक जल सलामी के साथ किया गया। ये जहाज मंगलवार तक यहां रहेगा।
दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज एमएससी इरिना ने विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर ऐतिहासिक शुरुआत की। दक्षिण एशियाई बंदरगाह की अपनी पहली यात्रा पर आया ये जहाज सुबह 8 बजे बंदरगाह पर पहुंचा, जिसने अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर जहाजों (यूएलसीवी) को संभालने में विझिनजाम की क्षमताओं को उजागर किया। एमएससी इरिना, जिसे टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाई) क्षमता के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज बताया जा रहा है, जो मंगलवार तक बंदरगाह पर खड़ा रहेगा। विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह को अडाणी समूह ने बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2 मई को इसका उद्धघाटन किया। दुनिया के सबसे बड़े जहाज का आगमन नए बंदरगाह के लिए मील का पत्थर है।
फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है ये जहाज
एमएससी इरिना जहाज की क्षमता 24,346 टीईयू की है, जो इसे वैश्विक शिपिंग में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। 399.9 मीटर की लंबाई और 61.3 मीटर की चौड़ाई के साथ यह जहाज फीफा द्वारा नामित एक मानक फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है। इस को मार्च, 2023 में लॉन्च किया गया था, जो उसी वर्ष अप्रैल में अपनी पहली यात्रा पर निकला था।
लाइबेरियाई झंडे के नीचे चलने वाला यह जहाज 26 स्तरों तक ऊंचे कंटेनरों को ढेर करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो कंटेनर स्टैकिंग में बेजोड़ क्षमता प्रदान करता है। समकालीन पर्यावरण मानकों के अनुरूप, यह पोत ऊर्जा-बचत सुविधाओं से सुसज्जित है, जो कार्बन उत्सर्जन में 4 फीसदी तक की कमी लाने में योगदान देता है, जिससे परिचालन दक्षता बनाए रखते हुए इसके कार्बन पदचिह्न में उल्लेखनीय कमी आती है।
उल्लेखनीय है कि एमएससी इरिना जहाज का यह स्मारकीय आगमन विझिनजाम बंदरगाह के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसे 2 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था। इस बंदरगाह ने जुलाई, 2024 में परीक्षण के आधार पर और उसके बाद दिसंबर में वाणिज्यिक संचालन शुरू होने के बाद से अब तक 7.33 लाख कंटेनरों को संभालने वाले 349 जहाजों को बर्थिंग की सुविधा प्रदान की है।