वाराणसी। मामूली विवाद के चलते राहुल सेठ पर किराएदार ने हमला कर दिया। दरिंदों की तरह उस पर वार करता रहा। दीवार पर सिर पटका, चाकुओं से गोदता रहा। सब कुछ राहुल की मासूम बेटियों के सामने होता रहा। वह पिता को बचाने के लिए हमलावर के सामने गिड़गिड़ाती रहीं लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ। वह तब तक हमला करता रहा जब तक उसे यकीन नहीं हो गया कि राहुल की जान निकल जाएगी।
लक्सा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी कुंड में शशिकांत झा के तीन मंजिला मकान के दूसरे तल पर राहुल अपनी मां कुसुम, पत्नी बरखा, छह व तीन साल की दो बेटियों के साथ किराए पर रहता था। वह गोदौलिया में साड़ी की दुकान पर काम करता था। उसके ठीक सामने के कमरे में गुजरात के जाम नगर निवासी राजीव किराए पर रहता था।
तेज आवाज को लेकर मकान मालिक ने की आपत्ति –
वह ई कामर्स कंपनी अमेजन में काम करता है। राहुल की पत्नी बरखा के अनुसार, रविवार की रात साढ़े दस बजे राहुल घरेलू बात को लेकर उससे झगड़ा कर रहा था। उसकी मां ने रोकने की कोशिश की तो उससे भी उलझ गया। उसके तेज आवाज को सुनकर मकान मालिक ने आपत्ति की।
चाकू से पेट, जांघ व पीठ पर किए लगातार कई वार –
उसे शोर मचाने से मना किया लेकिन राहुल नहीं माना। इसी दौरान सामने के कमरे में रहने वाला राजीव बाहर निकल आया। उसे तल्ख लहजे में राहुल को शोर न मचाने के लिए मना किया। इस पर राहुल व उसके बीच नोकझोंक होने लगी। इस पर राजीव ने राहुल पर हमला कर दिया। सबसे पहले हाथ में लिए चाकू से पेट, जांघ व पीठ पर कई वार किए।
बेटियाें के सामने करता रहा वार –
दोनों के बीच हो रही मारपीट को बचाने के लिए राहुल की पत्नी व मां आईं लेकिन राजीव ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया। राहुल की दोनों बेटियां राजीव के सामने पिता को न मारने की गुहार लगाती रहीं लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। उसने राहुल पर ताबड़तोड़ हमला जारी रखा।
चाकू से गोदने के साथ जमीन पर पटका और दीवार में सिर मारा। उसने पास पड़े लोहे के तवे से भी राहुल के सिर पर कई वार किए। जब आश्वस्त हो गया कि वह जिंदा नहीं बचेगा तब जाकर उसे छोड़ा।
किसी ने भी नहीं की मदद –
शशिकांत झा के मकान में और भी किराएदार रहते हैं। रात को राहुल पर हो रहे वार के दौरान उसे बचाने के लिए स्वजन की गुहार का असर किसी पर नहीं पड़ा। कोई भी उस वक्त राजीव को रोकने के लिए नहीं आया। यही नहीं बुरी तरह से जख्मी लहूलुहान हालत में राहुल देर तक अपने कमरे के बाहर गिरा रहा लेकिन उसे किसी ने हॉस्पिटल भी नहीं पहुंचाया।
अस्पताल ले जाते समय ही हो गई मौत –
बरखा ने पास में रहने वाले राहुल के मौसी के लड़के को मदद के लिए बुलाया। उसकी मदद से लक्सा स्थित स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल ले गए जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया। जहां ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
हत्या का जुर्म किया स्वीकार –
एसीपी दशाश्वमेध धनंजय मिश्रा के अनुसार, हमलावर राजीव को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने हत्या का जुर्म स्वीकार किया है। उसका कहना था कि राहुल अक्सर नशे की हालत में गाली-गलौज करता था। उसे डर लगता था कि वह उस पर हमला करेगा इसलिए रविवार की रात चाकू लेकर उसे शोर मचाने से मना करने गया था। इसी दौरान दोनों के बीच मारपीट हो गई। राजीव अविवाहित है और उसका कहना है कि कंपनी की ओर से वाराणसी में नियुक्त किया गया है। दो महीने पहले ही वह शशिकांत झा के मकान में किराए पर रहने आया था।