
नई दिल्ली : 2021 के किसान आंदोलन के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत द्वारा की गई टिप्पणी अब मानहानि के मुकदमे में बदल चुकी है। चार साल पुराने इस मामले को लेकर कंगना रनौत गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। उन्होंने शीर्ष अदालत से मानहानि का मुकदमा रद्द करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ करेगी।
हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अगस्त 2025 में कंगना रनौत को राहत देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो यह साबित कर सके कि कंगना का सोशल मीडिया पोस्ट सद्भावना या जनहित में किया गया था।
कंगना के वकीलों की दलीलें खारिज
कंगना रनौत के वकीलों ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि उनका रीट्वीट सद्भावना में था और द्वेष (Mens Rea) की अनुपस्थिति में वे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 के नौवें और दसवें अपवाद का लाभ पाने की हकदार हैं। हालांकि, जस्टिस त्रिभुवन दहिया की पीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया था।