उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार से उन्नाव रेप पीड़िता की मां और उसके परिवार की सुरक्षा पर रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस पंकज मित्तल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में दो हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

दरअसल, उन्नाव रेप पीड़िता की मां ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की है कि 25 मार्च के उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को वापस लिया जाए, जिसमें उनके परिवार की सीआरपीएफ की सुरक्षा हटा दी गई थी। इस दुष्कर्म मामले और पीड़िता तथा अन्य की जान को खतरा होने पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने एक अगस्त 2019 को रेप पीड़िता, उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों और उनके वकील को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सुरक्षा यह कहते हुए वापस ले ली थी कि इस मामले में आरोपित को दोषी करार दिया जा चुका है।

रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी। 4 जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। उसके बाद कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में मौत हो गई थी।

पीड़िता से रेप के मामले में 20 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

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