फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने की गंभीर टिप्पणी
सत्र 2022-23 में आधे छात्र रहे जाएंगे प्रवेश से वंचित
भास्कर समाचार सेवा
बुलन्दशहर। जनपद के नगर जहांगीराबाद स्थित जनता पॉलिटेक्निक कॉलेज को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने जोरदार झटका दिया है। कॉउंसिल ने कॉलेज के प्रिंसिपल और टीचिंग स्टाफ को ही अयोग्य बताते हुए बीफार्मा ब्रांच की सीटों को आधा कर दिया है।
बता दें कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने जहाँगीराबाद स्थित जनता पॉलिटेक्निक कॉलेज पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि कॉलेज की प्रिंसिपल और बी फार्मा स्टाफ अयोग्य है। प्रिंसिपल और टीचिंग स्टाफ की अयोग्यता का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। बड़ी संख्या में छात्र 2022-23 के सत्र में प्रवेश पाने से वंचित रह जाएंगे। कॉउंसिल ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि पॉलिटेक्निक कॉलेज का प्रिंसिपल नियमानुसार टेक्निकल ग्रेड से जुड़ा वरिष्ठ प्रोफेसर होना चाहिए, लेकिन कॉलेज प्रबंधन द्वारा वरिष्ठता के आधार पर इस सीट पर नॉन टेक्निकल टीचर को बैठा दिया गया है। जिसके चलते फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बीफार्मा की सीटों को 60 से घटाकर 30 कर दिया गया। अब सिर्फ 30 छात्र ही कॉलेज में एडमिशन पा सकेंगे।
बैकफुट पर जनता पॉलिटेक्निक की प्रिंसिपल
कॉउंसिल द्वारा लिए गए फैसले के बाद जनता पॉलिटेक्निक कॉलेज की प्रिंसिपल मंजू बंसल बैकफुट पर दिखाई दे रही हैं। प्रिंसिपल मंजू बंसल खुद भी स्वयं को टेक्निकल ग्रेड से होना नहीं बता रही हैं। उनका कहना है कि कॉलेज प्रबंधन द्वारा वरिष्ठता के आधार पर शासन से अनुशंसा की गई थी जिसके बाद वह इस पद पर बैठी हैं।