जिले की ’आदर्श नगर पंचायत’ के हालात ऐसे तो बाजना नगर पंचायत को घोषित किया गया है आदर्श नगर पंचायत

कुछ ही दिनों में नगरवासियों की खुशी हो गई फूर

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। नौहझील क्षेत्र के नगर पंचायत बाजना को आदर्श नगर पंचायत का दर्जा मिला तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनको लगा कि अब उन्हें भी शहर जैसी सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी। चंद दिनों में ही उनकी खुशियां काफूर हो गईं। गलियों में झूलते बिजली के तार, बजबजाती नालियां, पेयजल संकट लाखों खर्च के बाद भी स्ट्रीट लाइटें बंद चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा लाखों रुपए की लागत से बने शौचालयों पर आज भी ताला जैसी समस्याओं से नागरिक जुझा रहे हैं। उन्हें इसका निदान नहीं मिल रहा है। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी लोगों की शिकायतों की अनदेखी कर रहे हैं। सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने के लिए सात सरकारी व 11 संविदा पर और दस ठेकेदारी के सफाई कर्मी की तैनाती है। महीनों से सफाई न होने के चलते मुडि़लिया रोड गांधीनगर पत्थर मंडी रामनगर, खानपुर रोड़ आर्यनगर समेत सभी दस वार्डों में गंदगी का अंबार लगा है। नालियां चोक पड़ी हैं। उनसे उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हैं। बजबजाती नालियों से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना है। नगर पंचायत का अति व्यस्त इलाका चैक है। घनी आबादी होने के बावजूद लोगों की छतों से गुजर रहे बिजली के तार कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं। शिकायत पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कस्बे में दर्जनों हैंडपंप खराब पड़े हैं। बिजली कटौती के चलते पानी की सप्लाई भी बाधित रहती है। जिससे लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आसरा आवास कालोनी में है। लाखो रुपए खर्च कर सरकारी आरओ प्लांट का निर्माण तो कर दिया लेकिन काफी समय से उसे बंद कर रखा है। जिससे लोग पीने के पानी के लिए भी परेशान है। समाजसेवी हजारीलाल का कहना है कि पानी के आरओ प्लांट शो पीस बने है। अधिकांश हैंडपंप खराब हैं या दूषित पानी दे रहे हैं। व्यवसायी काला सेठ व राजू ने कहा कि यहां न तो खेल मैदान है और न ही कोई पार्क। गंदगी की समस्या सबसे बड़ी है सिर्फ कागजों में आदर्श नगर पंचायत है। इससे अच्छी स्थिति तो ग्रामीण इलाकों में गांव की देखी जाती है।

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