– देवी अहिल्याबाई के वंशज उदय सिंह होलकर शिवालय संरक्षण समिति के बने राष्ट्रीय पलक
– लखनऊ के भारती भवन में भारत तिब्बत समन्वय संघ के पदाधिकारियों से हुई भेंट
लखनऊ। पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज श्रीमंत उदय सिंह होलकर अब देश भर में शिवालयों के संरक्षण के लिए गठित शिवालय संरक्षण समिति के राष्ट्रीय पालक होंगे। उन्होंने कहा कि देश के हर शिवालय का संरक्षण, विकास और समृद्धि होनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आक्रांता कल में नष्ट-भ्रष्ट किए गए मंदिरों की वापसी इस देश की शांति के लिए परम आवश्यक है। उन्होंने स्थानीय राजेंद्र नगर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय भारती भवन में भारत तिब्बत समन्वय संघ के प्रतिनिधियों से यह बातें कहीं। उन्होंने संघ के सहयोगी संगठन शिवालय संरक्षण समिति के लिए राष्ट्रीय पालक होने के प्रस्ताव पर स्वीकृति देते हुए कहा कि जिस प्रकार मां देवी अहिल्याबाई जी ने देश भर के शिव मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया, उसी प्रकार मुझे शिव मंदिरों के संरक्षण में संलग्न संस्था का भाग होकर प्रसन्नता का बोध हो रहा है। विगत जून माह में इंदौर में आयोजित भारत तिब्बत समन्वय संघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन चिंतन 2024 में श्रीमंत होलकर को संघ की केंद्रीय परामर्शदात्री समिति के माननीय सदस्य के रूप में जोड़ा गया था। अब लखनऊ प्रवास में शिवालय संरक्षण समिति के राष्ट्रीय पालक होने की सहमति उन्होंने प्रदान की। यह बात उन्होंने संघ के केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र तोमर, अवध प्रांत के अध्यक्ष हिमांशु सिंह व राष्ट्रीय सह मंत्री राज नारायण के निवेदन पर कही।
शिवालय संरक्षण समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पूज्य संत कामेश्वर पुरी जी महाराज (तुलसी मानस मंदिर, हरिद्वार), राष्ट्रीय संरक्षक हुकुमचंद सांवला (पूर्व अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, इंदौर), राष्ट्रीय संगठक इंजी. धर्मेंद्र सिंह भइया जी (लखनऊ), राष्ट्रीय प्रभारी पूज्य संत महा हंस बाबा (वारकरी संप्रदाय, जलगांव) व राष्ट्रीय संयोजक श्रीकांत तिवारी (बरेली) हैं।
श्रीमंत ने इस अवसर पर कहा कि समिति के प्रयासों से देश भर के हर एक शिवालयों की रक्षा और समृद्धि होगी, ऐसा पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि देश में विकास को लेकर सकारात्मक वातावरण है और इस नाते जहां भी भूल-चूक से कहीं कोई विधर्मी आक्रांताओं द्वारा शिव मंदिरों को भ्रष्ट किया या ध्वस्त किया और उस पर खुद की मान्यता के पूजा स्थल बना लिए, उस भयंकर गलती के परिमार्जन के लिए उनके मजहबी नेताओं को आगे आकर वे स्थान स्वयं हिंदुओं को सौंप देने चाहिए, इसी से देश में स्वस्थ वातावरण बनेगा, जो विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। श्रीमंत का स्वागत करने वालों में भारत तिब्बत समन्वय संघ के केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र तोमर, अवध प्रांत इकाई अध्यक्ष हिमांशु सिंह, राष्ट्रीय सह मंत्री राज नारायण, अवध प्रांत कोषाध्यक्ष दिलीप बाजपेई, जिला संयोजक (मानवाधिकार प्रभाग) विजेंद्र सिंह के साथ श्रीमती मदालसा बाजपेई, श्रीमती ममता बघेल, मिताली राज धांगर, तनिष्क बघेल हिमालय बघेल आदि रहे।