क़ुतुब अंसारी
बहराइच। मौसम के रुख में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मंगलवार को भोर से घुमड़ रहे बादलों को देखते हुए किसान जल्दी से जल्दी अनाज को घर ले जाने के प्रयास में जुटे हैं। उन्हें आशंका है कि पिछले वर्षों की तरह कहीं बारिश उनके अरमानों पर पानी न फेर दे।
बीते तीन चार सालों से किसान मौसम के रुख से काफी परेशान हैं। हर बार अप्रैल महीने में होने वाली बारिश से दो साल में करोड़ों का नुकसान हो चुका है लेकिन मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान मिला और कई गांवों में शासन से सहायता राशि पाने में किसानों की आंखे पथरा गईं लेकिन ढेला नसीब नहीं हुआ। अब इस बार फसलों की स्थिति ठीक है लेकिन घुमड़ रहे बादलों को लेकर किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खेतों में मटर, मसूर से लेकर तमाम फसलों के करपा कटे रखे हैं ऐसे में अगर बारिश हुई तो फसलों का सड़ना तय है। ऐसे में रात दिन एक करके किसान फसलों की कटाई कर जल्द से जल्द घर ले जाने के प्रयास में जुटे हैं।
जिनके खेत से गेहूं कट चुके है वै किसान जल्दी ही हार्वेस्टर का इंतजाम करने में लगे हैं जिससे उनकी साल भर की मेहनत पर पानी न फिरे भले ही बाद में भूसे की किल्लत हो। किसान अभिषेक शुक्ला, अवधेश सिंह, अतुल द्विवेदी, संजय मौर्या का कहना है कि हर साल अप्रैल महीने में ही बारिश के आसार बनते हैं इससे किसानों की पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है।















