
नई दिल्ली। लेखिका वर्जीनिया गिफ्रे की आत्मकथा ‘ट्रू जस्टिस’ ने अमेरिका और यूरोप में मानव तस्करी, यौन शोषण और गर्भपात जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलासे किए हैं। इस किताब में गिफ्रे ने अपने भयावह अनुभवों का विस्तार से वर्णन किया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई है और कई राजनेताओं पर सवाल खड़े हो गए हैं।
वर्जीनिया गिफ्रे, जो अमेरिका की एक प्रमुख युवती हैं, जेफ्री एपस्टीन के सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क की एक प्रसिद्ध सर्वाइवर हैं। उन्होंने वर्षों तक न्याय के लिए संघर्ष किया और अपनी आत्मकथा ‘Nobody’s Girl: A Memoir of Surviving Abuse and Fighting for Justice’ के माध्यम से अपने अनुभवों का खुलासा किया है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि उनका यौन शोषण किसी नामी-गिरामी प्रधानमंत्री द्वारा हुआ था।
गिफ्रे ने अपनी किताब में बताया कि साल 2002 में, वह एक ‘प्रसिद्ध प्रधानमंत्री’ द्वारा एपस्टीन के निजी द्वीप पर बलात्कार का शिकार बनी थीं। उस समय उनके गले दबाए गए और उन्हें गंभीर मानसिक व शारीरिक यातनाएं दी गईं। गिफ्रे के अनुसार, यह घटना उनके जीवन का सबसे भयावह मोड़ थी, लेकिन इसी घटना ने उन्हें एपस्टीन और उसके नेटवर्क से बाहर निकलने और न्याय पाने के लिए प्रेरित किया।
हालांकि, उन्होंने अपनी किताब में सीधे प्रधानमंत्री का नाम नहीं लिया, लेकिन अदालत में उनके बयान के अनुसार, इसे इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुड बराक माना जाता है। बराक ने इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन स्वीकार किया कि उनका एपस्टीन के साथ व्यक्तिगत संबंध था।
किताब में खुलासे और रहस्य
गिफ्रे की किताब में यह भी बताया गया है कि उन्होंने कई प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम का खुलासा नहीं किया है। उन्हें डर था कि कानूनी और वित्तीय प्रतिशोध से वे बर्बाद हो सकते हैं। उनके अनुसार, कुछ शक्तिशाली व्यक्तियों ने उन्हें मुकदमों और धमकियों के जरिए डराने की कोशिश की थी।
यह आत्मकथा केवल यौन शोषण की कहानी नहीं है, बल्कि यह उनके साहस, संघर्ष और न्याय के लिए उनके कदमों की प्रेरणादायक कहानी भी है। उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से पीड़ितों को आवाज दी है और समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है।
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, यह 400 पन्नों वाली किताब 21 अक्टूबर को बाजार में आई है। इसमें गिफ्रे ने अपने साथ हुई घटनाओं का विस्तार से वर्णन किया है और बताया है कि कैसे उनका शोषण किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, कई बार उनका गला दबाया गया और उन्हें खून से लथपथ कर दिया गया।
प्रिंस एंड्रयू का मामला
इस संस्मरण में प्रिंस एंड्रयू से जुड़े घोटाले को भी उजागर किया गया है। गिफ्रे का आरोप है कि जब वह किशोरावस्था में थीं, तब प्रिंस एंड्रयू ने उनका यौन शोषण किया। प्रिंस ने इन आरोपों से इनकार किया है। गिफ्रे का कहना है कि जब वह अदालत में इस केस को लड़ रही थीं, तो उनके सहयोगी उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे। प्रिंस की टीम सोशल मीडिया पर उन्हें परेशान करती थी और ट्रोल्स का सामना करना पड़ा।