रस्सी का जो सांप बनाने वाले हैं पानी मे वो आग लगाने वाले हैं – रौनक


प्रदर्शनी पंडाल में हुआ स्थानीय मुशायरे का यादगार आयोजन
भास्कर समाचार सेवा
इटावा। प्रदर्शनी पंडाल में बीती रात्रि उर्दू अदब की शान स्थानीय मुशायरे का आयोजन नदीम अहमद एड. के संयोजन और रौनक इटावी के संचालन में कामयाबी के साथ सम्पन्न हुआ। देर रात तक चले मुशायरे का पंडाल में उपस्थित श्रोताओं ने पूरा आनन्द लिया वहीं शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश जमकर वाहवाही लूटी।
स्थानीय मुशायरे का उद्घाटन पूर्व राज्यमंत्री अशोक यादव, मुख्य अतिथि नगर पालिका चेयरमैन प्रतिनिधि फुरकान अहमद, विशिष्ट अतिथि सपा नगराध्यक्ष वसीम चौधरी, कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व चेयरमैन जहीर अंसारी, प्रदर्शनी समिति के वरिष्ठ सदस्य सईद नक़वी ने संयुक्त रूप से किया। संयोजक नदीम अहमद खां एड., सह संयोजक वरिष्ठ शायर साबिर इटावी, आरिफ सिद्दीकी नूर ने अतिथियों सहित मंचासीन शायरों का बैज लगाकर व शाल उढ़ाकर स्वागत किया। मुशायरे का शुभारंभ सुहेल अहमद ने नाते पाक से किया। कवि अशोक यादव ने कहा तुम हो खामोश मकबरों की तरह दिल तुम्हारा है पत्थरों की तरह,
ज़ख्म खा के भी बेजुबान रहे हम हैं गहरे समनदरो की तरह। साबिर हुसैन साबिर ने कहा जब से तुम्हारे हुस्न को देखा गुलशन के गलियारों में, सोचना हमने छोड़ दिया ताजमहल के बारे में। रौनक इटावी ने कहा रस्सी का जो सांप बनाने वाले हैं पानी में वो आग लगाने वाले हैं, मेरे देश के नेता देश के लोगों को सिर्फ सुनहरे ख्वाब दिखाने वाले हैं। नदीम अहमद एडवोकेट ने कहा अश्कों की तहरीर से पता यह बात चली, काजल की लड़ाई शाहिद सारी रात चली। शायरा राजदा खातून राज़ ने कहा हमारा काम है ज्यादा मगर लगता कम है, बड़े मसरूफ हैं कागज से पत्थर काटते हैं हम, हमे मालूम है इंसान को बेहद जरूरी है जलाकर दीप शिक्षा के उजाले बाटते हैं हम।
तनवीर हसन शिकोहाबादी ने कहा वक्त ही कम था फैसले के लिए, वरना मैं आता मशवरे के लिए। आरिफ सिद्दीकी नूर ने कहा तारीख जब लिखी जाएगी वफादारी की, सब समझ जाएंगे किस कौम ने गद्दारी की। शायर हसीन नादान, मुईन उल्लाह फराज, अफजाल अहमद, सूफी अब्दुल सत्तार, रियाज कलवारी, नवाब अहमद अज़हर, इरफान आदिल, मसरूर अहमद, हाशिम नईमी, आमिर, डॉ. फ़ीरोज़ अंसारी, शकील सागर, वैभव यादव, बदरुल हसन, शमीम अशरफी, यासीन अलीग सहित अनेक शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश कर मुशायरे को यादगार बना दिया। मुशायरे में शावेज़ नक़वी, वाई के शफी, निहाल खान, शाहिद हुसैन, मुनीर आलम बन्ने, सलीम अंसारी, इकरार अहमद आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अंत मे संयोजक नदीम एड., सह संयोजक वरिष्ठ शायर साबिर इटावी, आरिफ सिद्दीकी नूर व संचालक रौनक इटावी ने अतिथियों, शायरों व श्रोताओं के आभार व्यक्त किया।

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