
दुनिया भर के देशों में कानून अलग-अलग होते हैं, और यही कारण है कि हर देश में मौत की सजा देने का तरीका भी अलग होता है। कुछ देशों में फांसी दी जाती है, तो कुछ देशों में गोली से मौत की सजा दी जाती है। भारत में भी फांसी देने से पहले कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है।
भारत में मौत की सजा का प्रावधान अन्य देशों की तरह फांसी के रूप में है, और यह नियम कुछ विशेष प्रक्रियाओं को फॉलो करता है। फांसी देने से पहले जल्लाद अपराधी को फांसी का फंदा बांधने से पहले कुछ शब्द कहता है। जल्लाद अपने शब्दों में कहता है, “मुझे माफ कर दो। हिंदू भाई को राम-राम, मुस्लिम को सलाम, हम क्या कर सकते हैं, हम तो हैं हुकुम के गुलाम।” इसके बाद, वह फांसी का फंदा खींच देता है।
भारत में फांसी देने के समय और प्रक्रिया के नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक होता है, ताकि यह कानून के तहत सही तरीके से संपन्न हो सके।















