
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभिनेता संजय कपूर की 30 हजार करोड़ की संपत्ति में फिल्म अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों की हिस्सेदारी की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान याचिका का विरोध करते हुए संजय कपूर की तीसरी पत्नी प्रिया कपूर ने कहा है कि संजय कपूर के वसीयत में संदेहास्पद कुछ भी नहीं है और ये परिवार की वर्षों पुरानी परंपरा है। प्रिया कपूर के वकील राजीव नय्यर ने कहा कि वसीयत के जरिये संपत्ति हस्तांतरण कपूर खानदान पहले से करता रहा है। प्रिया कपूर के ससुर ने भी वसीयत की थी, ये एक स्वस्थ परंपरा है। नय्यर ने कहा कि करिश्मा कपूर का गवाहों पर संदेह करना गलत है कि उन्हें इसके लिए धन दिया गया। गवाह कर्मचारी हैं और अभी भी वे कर्मचारी हैं।
सुनवाई के दौरान करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से कहा गया था कि संजय कपूर का कथित वसीयतनामा फर्जी है, क्योंकि संजय कपूर अपने लिए महिला सर्वनाम का उपयोग नहीं करते। सुनवाई के दौरान करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि वसीयत लिखने वाले ने अपने बारे में महिला सर्वनाम का इस्तेमाल किया है और संजय कपूर ऐसा नहीं कर सकते थे। यहां तक कि महिला सर्वनाम का इस्तेमाल करने की कोई वजह भी नहीं बतायी गई है। जेठमलानी ने कहा था कि वसीयत में चार बार महिला सर्वनाम (she और her) का उपयोग किया गया है। जेठमलानी ने कहा था कि याचिकाकर्ता बच्चों की सौतेली मां प्रिया कपूर ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली है कि वसीयतनामा किसने तैयार किया। करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से संजय कपूर के कथित वसीयतनामे के असली होने पर सवाल खड़े किए गए थे।
करिश्मा कपूर के बच्चों समायरा और कियान राज की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि संजय कपूर की कथित वसीयत में कई खामियां है, जो संजय कपूर नहीं कर सकते हैं। संजय कपूर अपनी बेटी का पता भला गलत कैसे लिख सकते हैं। वसीयत में संजय कपूर के बेटे का नाम कई स्थानों पर गलत लिखा हुआ है। करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से कहा गया कि संजय कपूर के संबंध समायरा और कियान राज से काफी अच्छे थे।
करिश्मा कपूर ने अपने दोनों बच्चों के अभिभावक के रुप में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि संजय कपूर की तीसरी पत्नी प्रिया कपूर ने संजय कपूर की वसीयत से छेड़छाड़ की। याचिका में कहा गया है कि प्रिया कपूर संजय कपूर की वसीयत से छेड़छाड़ कर उनकी पूरी संपत्ति पर अपना नियंत्रण चाहती हैं। यही वजह है कि संजय कपूर की वसीयत में करिश्मा कपूर के बच्चों को कोई हक नहीं दिया गया है।
संजय कपूर की वसीयत 21 मार्च, 2025 की बतायी जा रही है। इस वसीयत के मुताबिक संजय कपूर की पूरी संपत्ति प्रिया कपूर की होगी। उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रिया कपूर ने इस वसीयत काे संजय कपूर की मौत के बाद सात हफ्तों तक छिपाए रखा। वसीयत का खुलासा 30 जुलाई को तब किया गया, जब एक पारिवारिक बैठक थी।
संजय कपूर की मौत 12 जून को पोलो खेलने के दौरान विंडसर, ब्रिटेन में हो गई थी। याचिका में करिश्मा कपूर के बच्चों ने कहा है कि उनका संजय कपूर से काफी नजदीकी रिश्ता था और वे अक्सर छुट्टियों में जाकर उनसे मिलते थे। संजय कपूर अपने बच्चों को बेहतर भविष्य और वित्तीय सुरक्षा का हमेशा ही आश्वासन देते थे।
याचिका में करिश्मा कपूर के बच्चों ने मांग की है कि उन्हें संजय कपूर का प्रथम श्रेणी का उत्तराधिकारी घोषित किया जाए और संजय कपूर की संपत्ति में से उन्हें पांचवे हिस्से का अधिकार दिया जाए। याचिका में अंतरिम मांग की गई है कि याचिका के निस्तारण तक संजय कपूर के व्यक्तिगत संपत्तियों को फ्रीज किया जाए।
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