सोना कांड बना अधिकारियों के गले की फांस, कारिंदे एक दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा

मास्टरमाइंड विपिन की पत्नी भी शक के घेरे में, बयान दर्ज कराने में ढीला ढाला रवैया बरकरार

अभी तक तस्वीर पूरी तरह से धुंधली, भंग क्राइम टीम भी दबी आवाज में कर रही कइयों पर इशारे

लखनऊ। राजधानी के चिनहट में हुए इंडियन ओवरसीज बैंक लूट कांड में ताबड़तोड़ कार्रवाई और चौबीस घंटे में पर्दाफाश कर सिर पर ताज पहने वाली पूर्वी जोन पुलिस को भनक भी नहीं थी। कि इस बीच हेराफेरी कांड हो जाएगा। पता चलने पर अंदर ही अंदर जांच पड़ताल हुई और क्राइम टीम को कुर्बान कर दिया गया। लेकिन जब बात फुटी तो बढ़ते बढ़ते इतनी आगे बढ़ी की अब मामला अधिकारियों के गले की फांस बन गया। जो ना निगलते बन रहा ना उगलते। बहरहाल लाइन भेजी गई क्राइम टीम के पहले दौर के बयान मंगलवार को होने के बाद भी रहस्य का कोहरा कांड पर बरकरार है। जिसकी धुधं देखकर ऐसा ही लगता है, कि इस कांड की लपटों में कइयों के हाथ जले…? ।

जो अपना जख्म दिखाने से कतरा रहे है, हालांकि जख्म को भरने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन दूध का दूध और पानी का पानी उजागर होते ही उच्च अधिकारियों ने खामोशी अख्तियार कर बस जांच पूरी होने पर जोर देने लगे। विभागीय सूत्रों की मानें तो मास्टरमाइंड विपिन सिंह सिर्फ पुलिस को गांव शहर घुमाता रहा और जो बात बताई भी तो अधिकारियों को हवा हवाई लगी उसकी पत्नी घर पर नहीं मिली। वहीं बरामद किए सोने को एक अधिकारी की निगरानी में सुरक्षित रखवाया गया था। जिसके बाद जब माल को बैंक की लिस्ट से मिलाया गया तो सभी ने खामोशी अख्तियार कर ली। सूत्रों की मानें तो जिम्मेदारों को उच्च अधिकारियों को जो जवाब देना था वो दे दिया गया है। वहीं हेराफेरी की जांच चींटी की रफ्तार से ही अभी तक चल रही है । जिसे देखकर लगता है, कि कुछ तो है, जिसकी पर्दादारी…? वहीं भंग क्राइम टीम ने बगावती तेवर अख्तियार कर रखें और इशारों ही इशारों में खुद पर नहीं बल्कि कइयों पर हेराफेरी का ठीकरा फोड़ रही।

क्योंकि कोई अपने सिर मामला नहीं लेना चाहता इसलिए बयान लिखित दर्ज कराने की बातें हो रही और उन्हे ठिला छोड़ दिया गया। जिससे जांच में तनातनी बरकरार है। वहीं कुछ ने बयान दर्ज कराया लेकिन उनका हाल वैसा ही जैसे गेहूं के साथ घुन हो। जांच टीम विपिन की पत्नी से भी पूछताछ करने की तैयारी में क्योंकि अब तक विपिन ने जो बताया वहां से पुलिस खाली हाथ ही लौटी और अधिकारियों की नजर में उन बातों में दम नहीं मिला लेकिन गलत भी नहीं मान रहे और अंदर ही अंदर बरामदगी की कोशिश भी चल रही लेकिन सफलता नहीं हासिल हो पा रही । बहरहाल मामला रायते की तरह फैल गया और उच्च अधिकारियों की अचानक खामोशी ने कई सवाल पैदा कर दिए। वहीं अगर कोई हेराफेरी नहीं हुई तो फिर किलो भर सोना आसमान खा गया की जमीन निगल गई ।

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