आखिर कौन करा रहा बीडीओ के रूकवाने और ट्रांसफर के आदेश

सीतापुर। एलिया ब्लाक में तैनात तत्कालीन विवादित बीडीओ शैलेन्द्र यादव के कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ के संबद्ध होने के बाद लगातार जिले में बीडीओ के संबद्ध होने का खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा है। शैलेन्द्र यादव के संबद्धीकरण आदेश के निरस्त होने के बाद सीतापुर के ब्लाक महमूदाबाद के बीडीओ संदीप कुमार का संबद्धीकरण कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास उत्त्र ्रपदेश लखनऊ में कर दिया गया था लेकिन आपज 21 मार्च को उनके समद्धीकरण को भी निरस्त करते हुए अब हरगांव में तैनात बीडीओ आत्म प्रकाश रस्तोगी का सबद्धीकरण कर दिया गया है।
आज 21 मार्च को पुनः हुए संबद्धीकरण के आदेश के बाद लोगों में इस बात की चर्चा होने लगी है कि आखिर वो कौन है जो संबद्धीकरण का खेल खेल रहा है और शासन लगातार उस पर कार्य भी कर रहा है। ज्ञातव्य हो कि सीतापुर जिले के एलिया में तैनात शैलेन्द्र यादव पर कमीशनबाजी को लेकर वहां के क्षेत्रीय प्रधानों ने आरोप लगाए थे जिसके बाद पूर्व सांसद रेखा वर्मा ने उनकी शिकायत डिप्टी सीएम से की जिस पर बीडीओ श्री यादव को एलिया से हटाते हुए शासन ने उन्हें कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास उत्त्र ्रपदेश लखनऊ में संबद्ध कर दिया था। करीब दो माह तक वह संबद्ध रहे लेकिन फिर उनके संबद्धीकरण के आदेश को दो माह बाद निरस्त कर पुनः सीतापुर का चार्ज दे दिया गया।
एक बीडीओ को सेट करने में कईयों को किया इधर-उधर
इसी दौरान शासन ने महमूदाबाद में तैनात बीडीओ संदीप कुमार यादव का संबद्धीकरण कर शासन में कर दिया। इस आदेश को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो ही रही थी कि सीतापुर प्रशासन ने शैलेन्द्र यादव को कहीं सेट करने के लिए चार बीडीओ के स्थान परिवर्तित किए और उन्हें लहरपुर भेज दिया। चार बीडीओ के तबादले को अभी दो ही दिन बीते थे कि आज 21 मार्च को संयुक्त सचिव प्रहलाद बरनवाल ने हरगांव में तैनात आत्म प्रकाश रस्तोगी का कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ में संबद्धीकरण करने का आदेश जारी कर दिया।
राज्यमंत्री के करीबी हैं बीडीओ हरगांव
बीडीओ हरगांव श्री रस्तोगी के संबद्धीकरणर का आदेश जारी होते ही जनपद में एक बार फिर संबद्धीकरण के खेल की चर्चाएं गर्म हो उठी। लोगों का कहना है कि हरगांव के बीडीओ आत्म प्रकाश रस्तोगी कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही के सबसे करीबी बीडीओ हैं। अब देखना यह है कि बीडीओ श्री रस्तोगी का संबद्धीकरण कितने दिन तक चल पाता है। वहीं यह भी चर्चा है कि एक बीडीओ की तैनाती ने पूरे जिले का खेल बिगाड़ रखा है और इस संबद्धीकरण के खेल के पीछंे आखिर किसका हाथ हो सकता है।