
“जहाँ संस्कृति की लौ जलती है… वहीं सभ्यता सुरक्षित रहती है। कल बानपुर की दिव्य भूमि पर… सनातन की वही लौ और तेजस्वी होकर प्रज्वलित हुई।”
“राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती हरिप्रिया भार्गव जी के आह्वान पर हजारों धर्मनिष्ठ जन ‘सनातन संकल्प शत्र’ में एकत्र हुए…
एक ही मंत्र के साथ — Dharmo Rakshati Rakshitah।”

“अग्नि, जल, वायु, धरती और आकाश — इन पंचमहाभूतों की साक्षी में… एक महान संकल्प लिया गया।
संकल्प — कि हम सब मोक्षलक्षी परंपराओं को एकसूत्र में बांधेंगे…
और हर घर में संस्कारों का दीप प्रज्वलित करेंगे।”

“हरिप्रिया भार्गव जी ने स्पष्ट कहा — ‘बच्चों को ग्रंथों से जोड़ना, मातृभूमि से जोड़ना, और अपनी जड़ों से जोड़ना… यही सनातन का पथ है। तथा समाज को विकसित करने के लिए सनातन धर्म की परंपराओं को सुरक्षित रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए।
“जनसागर की गूंज, संस्कृति का तेज, और संकल्प का प्रकाश… सब एक हो गए और एक ही आवाज में बोल उठे…
“वसुधैव कुटुम्बकम” और सभी जीवों की रक्षा करेंगे.
“दिव्य भंडारे में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया… और संस्कृति के इस महायज्ञ को पूर्ण बनाया।”
“बानपुर का यह संस्कृतिमय क्षण… सनातन संस्कृति के शांति, श्रद्धा और शौर्य जैसे सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार कर समाज में विकास, शांति, समरसता और सांस्कृतिक गौरव की भावना स्थापित करना है। यही हमारा संकल्प, यही हमारा पथ।”













