
सीतापुर। जिले के बिसवां तहसील के अंतर्गत आने वाले तंबौर थाना क्षेत्र के बेलहा-दारियाना गांव में इन दिनों अत्यंत विषैले सर्प रसेल वाइपर का आतंक फैल गया है। अजगर के आकार के इस जहरीले साँप की बढ़ती संख्या से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। पिछले चार महीनों में सर्पदंश की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें तीन ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
सर्पदंश से तीन मौतें, दो गंभीर रूप से घायल
स्थानीय लोगों के अनुसार, रसेल वाइपर के हमले ने गांव में भय का माहौल बना दिया है। पिछले कुछ समय में कई ग्रामीण इसके शिकार हुए हैं। जानकारी के अनुसार, शिव प्रकाश शुक्ला सहित चार महीनों में तीन लोगों की सर्पदंश से मृत्यु हो चुकी है।

वहीं संजय मिश्रा को काटने के बाद उनका इलाज लखनऊ के KGMU अस्पताल में लगभग एक माह चला। वह अब स्वस्थ हो चुके हैं। हाल ही में, तीन दिन पूर्व गांव के राकेश मिश्रा को भी सर्प ने काट लिया, जिनका इलाज वर्तमान में KGMU में चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
फसल छोड़कर घरों में कैद हुए ग्रामीण
खतरनाक रसेल वाइपर के लगातार दिखाई देने से ग्रामीणों में इतना भय व्याप्त है कि लोग अपने खेतों पर जाने से भी डर रहे हैं, जबकि उनकी फसलें कटाई के लिए पककर तैयार खड़ी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि खेतों और घरों के आसपास इस विषैले साँप को अक्सर देखा जा रहा है। कार्य के दौरान ग्रामीणों द्वारा अब तक छह साँपों को मारा भी गया है, फिर भी हर जगह इनके दिखने से डर का माहौल बना हुआ है। शाम ढलते ही गांववासी घरों से बाहर निकलना बंद कर चुके हैं।
वन विभाग की चुप्पी से नाराज़गी
गांववासियों ने इस भयंकर आतंक से मुक्ति के लिए कई बार जिला प्रशासन और वन विभाग से गुहार लगाई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। क्षेत्रीय प्रशासन की चुप्पी से ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने और वन विभाग की विशेष रेस्क्यू टीम को गांव भेजकर इन जहरीले साँपों को पकड़ने की मांग की है, ताकि लोग भयमुक्त होकर सुरक्षित रूप से अपने दैनिक कार्य और खेतों में जा सकें।
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