
गाजियाबाद: आपने भर्जी कॉल सेंटर या फर्जी ऑफिस बना कर लोगों को नौकरी देने के नाम पर ठगी के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी ने फर्जी दूतावास ही बना लिया हो. दूतावास भी उन देशों के नाम पर जो कहीं धरती पर कहीं है नहीं. ऐसा हुआ है उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में. गाजियाबाद में कुछ लोगों ने मिलकर एक फर्जी दूतावास ही बना डाला है. इस रैकेट का खुलासा यूपी एसटीएफ ने किया है. एटीएफ ने इस मामले में एक आरोपी शख्स को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस ने आरोपी की पहचान हर्ष वर्धन के रूप में की है. हर्षवर्धन केबी 35 कवीनगर में किराए का मकान लेकर अवैध रूप से वेस्ट आर्कटिक दूतावास चला रहा था.

पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी खुदको वेस्ट आर्कटिका, सबोर्गा, पौल्विया, लोडोनिया जैसे देशों का कॉन्सुल/ एम्बेसडर बताता था और कई डिप्लोमेटिक नम्बर प्लेट लगी गाड़ियों से चलता है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि ये उन देशों के नाम हैं जो कहीं हैं ही नहीं. लोंगो को प्रभाव में लेने के लिए प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति और कई अन्य गणमान्य लोंगो के साथ अपनी मॉर्फ़ की हुई फोटो का भी इस्तेमाल करता था. कई बार लोग तो उसे दूतावास का अधिकारी भी मान बैठे थे.
पुलिस के अनुसार फर्जी दूतावास के नाम पर ये आरोपी कंपनियों और अन्य लोगों से दूसरे देशों में काम दिलाने के नाम पर पैसे की उगाही करता था. पुलिस की जांच में पता चला है कि गिरोह के लोग शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला रैकेट चलाते थे. आऱोपी हर्षवर्धन के पूर्व में चंद्रास्वामी और अदनान खगोशी ( इंटरनेशनल आर्म्स डीलर) से भी संपर्क में होने का पता चला है. आपको बता दें कि 2011 में हर्षवर्धन से अवैध सॅटॅलाइट फ़ोन भी बरामद हुआ था जिसका अभियोग थाना कविनगर में पंजीकृत है. पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है.