
भोपाल\छिंदवाड़ा : मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ जहर से बच्चों की मौतों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। अब तक इस त्रासदी में 22 मासूमों की जान जा चुकी है। नागपुर में इलाजरत दो और बच्चों ने दम तोड़ दिया। इससे पहले छिंदवाड़ा में 19, पांढुर्ना में एक और बैतूल में दो बच्चों की मौत हो चुकी थी। अभी भी कई बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं।
नागपुर में दो बच्चों की मौत
छिंदवाड़ा के अतिरिक्त कलेक्टर धीरेंद्र सिंह नेत्री ने बताया कि परासिया कस्बे के रहने वाले पाँच वर्षीय विशाल की बुधवार शाम और चार वर्षीय मयंक सूर्यवंशी की देर रात नागपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
जांच में खुली बड़ी लापरवाही
जांच में सामने आया कि कुछ निजी चिकित्सकों ने, जिनमें प्रमुख नाम डॉ. प्रवीण सोनी का है, बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दी थी। सिरप पीने के कुछ घंटों के भीतर ही बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी और उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। मेडिकल जांच में पुष्टि हुई है कि इस सिरप में जहरीले रासायनिक तत्व मौजूद थे, जो शरीर में पहुंचकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहे थे। यही कारण है कि अधिकांश बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हुई।
अब तक की कार्रवाई
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि श्रीसन फार्मा के मालिक एस. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें चेन्नई (तमिलनाडु) की अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड के बाद छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
इसके अलावा, प्रशासन ने विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति जांच करेगी कि जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची, किस स्तर पर लापरवाही हुई और दोषी कौन है। इस मामले ने एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा और दवा निरीक्षण की प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।