तारीख पर तारीख के दिन खत्म…आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी : पीएम मोदी

कहा- भ्रष्टाचार में कार्रवाई की कानूनी अड़चन दूर होगी


चंडीगढ़ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में 3 नए कानूनों को लागू करने की समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी उनके साथ रहे। यहां उन्होंने चंडीगढ़ में लागू किए गए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का डेमो भी देखा। पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधन में कहा कि नए कानूनों के बाद हमें अंग्रेजों के जमाने के गुलाम क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल गया है। अब तारीख पर तारीख का खेल खत्म हो गया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब तारीख पर तारीख के दिन लद गए यानी खत्म हो गए हैं। नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आने वाली कानूनी अड़चन दूर होगी।


पीएम मोदी ने कहा कि 2020 में इन 3 नए कानूनों का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके बाद कई जगह से सुझाव लिए गए। इसमें हाईकोर्ट के जजों और लोगों बात की गई। आजादी के 7 दशकों में न्याय व्यवस्था में आई चुनौतियों पर मंथन किया गया। देश को 1947 में आजादी मिली। कई लोगों के बलिदान के बाद जब आजादी की सुबह आई तो कैसे-कैसे सपने थे, लोगों में कितना उत्साह थे। लोगों ने सोचा था कि अंग्रेज चले गए हैं तो अंग्रेजों के कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी। यह कानून अंग्रेजों के शोषण करने का जरिया थे, जिनसे वह भारत में अपनी सत्ता मजबूत करना चाहते थे।


आईपीएसी भारतीयों को दंड देने के लिए बनाई थी
पीएम ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ हमारे देश में 1857 में विद्रोह शुरू हुआ था। उसके बाद 1860 में अंग्रेजों ने आईपीसी बनाई। इन कानूनों का मकसद था कि भारतीय को दंड दिया जाए, उन्हें गुलाम किया जाए। वहीं, देश की आजादी के दशकों के बाद उसी दंड संहिता के इर्द-गिर्द घूमते रहे। हालांकि इन कानूनों में थोड़ा-बहुत बदलाव जरूर हुआ, लेकिन इनका चरित्र वही बना रहा। आजाद देश में गुलामों के लिए बने कानूनों को क्यों ढोया जाए। न हमने यह बात उनसे पूछी न ही शासन कर रहे लोगों ने समझी। इन्होंने भारत की विकास यात्रा को प्रभावित किया। वहीं, अब देश उस गुलामी से बाहरी निकले। इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन आवश्वयक था। इसलिए 15 अगस्त को मैंने लाल किले से यह चीज लोग सामने रखी थी।


गरीब-मजदूर अब कोर्ट-कचहरी से नहीं डरेंगे
पीएम ने कहा कि गरीब व कमजोर लोग कानून के नाम से डरते थे। पहले वह लोग कोर्ट-कचहरी में कदम रखने से डरते थे, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता लोगों की इस मानसिकता को बदलने का काम करेगी।यही सच्चा सामाजिक न्याय है। जिसका भरोसा हमारे संविधान में दिलाया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा हर पीडि़त के प्रति संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। देश के नागरिकों को इसकी बारीकियों का पता चलना भी उतना ही जरूरी है।

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