
छत से गिरी पत्नी की टूट गई कमर, हैसियत से बाहर था इलाज
कानपुर देहात। एक दूसरे को दोनों बेइंतहा मोहब्बत करते थे। साथ जीने साथ मरने की कसम खाई थी। एक दूजे का हाथ पकड़ कर वादा किया था सुख दुख में साथ निभाएंगे। सात साल पहले महेंद्र ने प्रीती की मांग में सिंदूर भरा और खुशहाल गृहस्थी सजने लगी थी। आंगन में दो नन्हे मुन्नों की किलकारियां भी गूंजने लगीं। अचानक खिलखिलाते परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। चार महीने पहले प्रीती छत से गिरी उसकी कमर टूट गई। डाक्टर ने बताया कि इलाज में लाखों रुपए खर्च होंगे। जो कि महेंद्र के बजट के बाहर था। तमाम रिश्तेदारों से मदद मांगी। हाथ पैर चलाए लेकिन मदद नहीं मिली तो बिस्तर पर कराहती अपनी मोहब्बत को देखकर दोनों ने साथ मरने का फैसला कर लिया। शनिवार देर रात महेंद्र और प्रीती ने एक साथ जहर खाकर जिंदगी को अलविदा करने कदम उठा लिया। जहां प्रीती की मौत हो गई महेंद्र को गंभीर हालत में हैलट में भर्ती कराया गया। उसकी हालत गंभीर है।
डेरापुर संवाददाता के अनुसार खानपुर गांव के महेंद्र (35) ने अंतर्जातीय विवाह गांव की ही प्रीति के साथ किया था। दोनों के दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा सुनील पांच वर्ष का ही जबकि छोटा शिवा तीन वर्ष का है। महेंद्र के वृद्ध मां बाप हैं। वो भी साथ रहते हैं। गांव के लोग बताते हैं कि महेंद्र और उसकी पत्नी में इतना प्रेम था कि कभी किसी ने कहासुनी होते भी नहीं देखा। करीब चार माह पहले प्रीती छत से गिरी तो उसकी कमर टूट गई। वह अब चलने फिरने में असमर्थ थी। बावजूद इसके दोनों के बीच प्रेम कम नहीं हुआ। महेंद्र बराबर पत्नी के इलाज के तड़पता रहा। महेंद्र आर्थिक तंगी से जूझ रहा था इसलिए इलाज न सका। धीरे-धीरे हालात ऐसे बने कि दोनों टूट गए। शनिवार रात खाना के बाद कमरे में चले गए। सुबह जब उनका तीन साल का बेटा शिवा रोता हुआ बाहर आया, तो बाहर लेटे महेंद्र के पिता सुरजन और मां कमलेश को अनहोनी का एहसास हुआ। अंदर जाकर देखा तो प्रीति मृत पड़ी थी और महेंद्र अचेत हालत में था। वृद्ध मां बाप के आगे अंधकार छा गया। चूंकि उनका कोई और सहारा नहीं है। ऊपर से दो मासूमों के पालने की जिम्मेदारी और बढ़ गई। सीओ राजीव सिरोही ने बताया कि महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। युवक का बैल्ट में उपचार चल रहा है।
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अब जीने की हिम्मत नहीं बची
महेंद्र और प्रीति के दो छोटे बच्चे हैं जिन्हें हर कोई दुलराता रहा। इस घटना से गांव का हर व्यक्ति आहत है। गांव में मातम पसरा है, हर किसी की आंखें नम हैं। गांव वालों का कहना है कि प्रीति हमेशा मुस्कुराती रहती थी। घटना के बाद से वह दर्द से टूट रही थी। एक पड़ोसी महिला ने नम आंखों से बताया कि प्रीति कहती थी कि अब जीने की ताकत नहीं बची है।










