
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को लेकर स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल धरती पर लौट आया है। सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की वापसी भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3:27 बजे हुई है। ये दोनों अंतरिक्ष यात्री और तीन अन्य सदस्य मंगलवार सुबह आईएसएस से ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर वापस लौटे थे।
अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर आने में लगभग 17 घंटे का समय लगा। इनकी लैंडिंग फ्लोरिडा के समुद्र में हुई। जैसे ही कैप्सूल से सुनीता विलियम्स बाहर आईं, उनके चेहरे पर खुशी और घर वापसी का संतोष दिखाई दिया। समुद्र में स्पलैशडाउन से पहले, नासा के अन्य कर्मचारी बोट से अंतरिक्ष यात्रियों को लेने के लिए समुद्र में गए थे।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्पेसएक्स के इस ड्रैगन कैप्सूल की सीट पर बैठने का खर्च कितना है? सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर सिर्फ आठ दिन के मिशन पर आईएसएस गए थे, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में खराबी के कारण उन्हें नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा।
स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का किराया आश्चर्यजनक रूप से बहुत अधिक है। एक सीट की कीमत 55 मिलियन डॉलर (करीब 476 करोड़ रुपये) है। इसमें कुल सात अंतरिक्ष यात्रियों के बैठने की जगह होती है, और यह किराया स्पेसएक्स और नासा के बीच कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत तय हुआ है।
यहां तक कि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने स्पेसएक्स को 2014 में एक कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत 2.6 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया था, जिसमें कुल छह क्रू मिशन शामिल थे। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत एक मिशन की औसत लागत लगभग 400 मिलियन डॉलर थी। हालांकि, इसके बाद स्पेसएक्स ने अपनी रॉकेट उपयोग तकनीक में सुधार किया, जिससे लागत में कमी आई।
नासा की 2019 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अब प्रति सीट लागत 476 करोड़ रुपये (55 मिलियन डॉलर) तक पहुंच चुकी है, जो कि पहले से कम है। इसका एक बड़ा कारण स्पेसएक्स द्वारा अपनी तकनीक को और बेहतर बनाए जाने की वजह से लागत में कमी आना है। वहीं, यदि हम बोइंग स्टारलाइनर की तुलना करें तो इसकी प्रति सीट लागत 90 मिलियन डॉलर थी।
स्पेसएक्स ने कम लागत में ज्यादा कामयाबी हासिल की है और यह नासा के साथ अपने कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष यात्री परिवहन का एक नया मानक स्थापित कर रहा है।