‘जी राम जी’ पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों का आचरण निंदनीयः शिवराज सिंह चौहान

New Delhi : लोकसभा में विकसित भारत: रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी ‘वीबी- जी राम जी’ विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण की भारतीय जनता पार्टी ने निंदा की है। भाजपा ने विपक्षी सदस्यों के इस आचरण को अमर्य़ादित बताया।

भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को पत्रकार वार्ता में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संसद में चर्चा ही लोकतंत्र की प्राण है लेकिन विपक्ष द्वारा जैसा अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन हुआ, कागज फाड़कर उछाले गए, तो क्या ये महात्मा गांधी का अपमान नहीं है। भाजपा इस कृत्य का घोर निंदा करती है। उन्होंने कहा कि आज लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्यों के आचरण ने लोकतंत्र को कलंकित किया है। संसदीय मर्यादाएं तार-तार हुई हैं। लोकतंत्र को भीड़तंत्र और गुंडातंत्र में बदला है।

चौहान ने कहा कि सरकार एक नहीं अनेकों योजनाओं के जरिए गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने का काम कर रही हैं। इसलिए 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। विकसित भारत के लिए रोजगार और विकसित गांव ये मोदी सरकार का संकल्प है। इसलिए मनरेगा में रोजगार के लिए जहां 100 दिन की गारंटी थी, अब वो बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है। इसके लिए पर्याप्त धनराशि का प्रस्ताव रखा गया है, जो कुल मिलाकर 1,51,282 करोड़ रुपये है। इस राशि में से केंद्र सरकार का हिस्सा 95,000 करोड़ रुपये से अधिक है। हमने एक संपूर्ण योजना बनाई, जिसमें विकसित गांव का स्वरूप क्या होगा।

मंत्री चौहान ने कहा कि गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, जल संरक्षण, आंगनबाड़ी भवन, आजीविका के काम, सड़क आदि के लिए एक पूरी सूची है, ताकि गांव विकसित हो सके। अब मुझे समझ में नहीं आता है कि दृष्टि से जिन चीजों का ध्यान रखा गया, उसमें भी इनको (विपक्ष) तकलीफ क्यों है। ये तकनीकी इस्तेमाल का भी विरोध करते हैं। क्या पैसा और भ्रष्टाचार की बलि चढ़ने दिया जाए।

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