मामूली खांसी और जुकाम का इलाज कराने गए 23 वर्षीय युवक की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। युवक को इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। बाद में युवक की मौत हो गई, जिस पर पिता ने डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
निजी क्लीनिक में उपचार कराने गए नोखेलाल ने बताया कि 21 अक्टूबर 2024 को उनके बेटे रवि दीक्षित की तबियत अचानक खराब हो गई। इसके बाद वह उसे गोला के एक क्लीनिक में डॉक्टर संदीप वर्मा के पास लेकर गए, जहां डॉक्टर ने कहा कि उसे हल्का खांसी-जुकाम है और कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।
23 अक्टूबर को डॉक्टर ने युवक को एक इंजेक्शन लगाया और कहा कि अब दवाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन इंजेक्शन के बाद युवक की हालत गंभीर हो गई। जब पिता ने अपने बेटे को वापस क्लीनिक से लिया तो डॉक्टर ने उन्हें जबरन क्लीनिक से बाहर भेज दिया और कहा कि वे कहीं और ले जाएं।
हालांकि, पिता तुरंत अपने बेटे को लेकर लखीमपुर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में युवक की मौत हो गई। इसके बाद पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
यह घटना अस्पताल में इलाज की लापरवाही और चिकित्सकीय बर्ताव को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, और पुलिस अब मामले की पूरी जांच कर रही है।