
Lucknow : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सोमवार का दिन काफी गर्मागर्म रहने की संभावना है। सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस के आसार हैं। ऐसे माहौल को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों और विधायकों को विशेष रूप से तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
रविवार को लोकभवन में हुई भाजपा विधानमंडल दल की महत्वपूर्ण बैठक में सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष सदन में सरकार पर कई प्रकार के आरोप लगाएगा, जिनका तथ्यात्मक और संयमित जवाब देना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट कहा सभी मंत्री और विधायक पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं। विपक्ष के हर प्रश्न का जवाब ठोस तथ्यों और दमदारी के साथ दिया जाना चाहिए। विपक्ष चाहे जितना उकसाए, हमें शालीनता बनाए रखनी है।
सीएम ने आगे कहा कि सदन की कार्यवाही में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी। उन्होंने विधायकों को अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने की कड़ी हिदायत दी, क्योंकि सोमवार को दोनों सदनों में अनुपूरक अनुदान मांगें पेश की जानी हैं, जो वित्तीय वर्ष के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण होंगी।
वंदेमातरम् के 150 वर्ष पर विशेष चर्चा
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सरकार ने विधानसभा में वंदेमातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह विषय राष्ट्रीय सम्मान, सांस्कृतिक अस्मिता और देशभक्ति की भावना से जुड़ा हुआ है।
सीएम ने आशंका जताई कि विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे को भटकाने या चर्चा का रुख बदलने की कोशिश कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा “इस विषय पर सदन में उपस्थित रहकर गंभीरता से भाग लें। कोई भी बयान ऐसा न हो जिससे सरकार या पार्टी की स्थिति असहज हो।”
विपक्ष की तैयारियों पर भाजपा की मजबूत रणनीति
शीतकालीन सत्र में विपक्ष की आक्रामकता को देखते हुए भाजपा ने भी मजबूत रणनीति बनाई है। विधायकों को सत्र में प्रमुख मुद्दों, योजनाओं, बजट और विकास कार्यों से पूरी तरह अवगत रहने को कहा गया है, ताकि विपक्ष के किसी भी सवाल का सटीक और तथ्यात्मक जवाब तत्काल दिया जा सके।
आज होगी कैबिनेट बैठक: कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मिल सकती है मंजूरी
सदन की कार्यवाही से पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक भी आयोजित होगी। इस बैठक में अनुपूरक बजट, बड़े निवेश प्रस्ताव, विकास योजनाएँ, अवसंरचना परियोजनाएँ और शासन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण फाइलों पर मुहर लगने की संभावना है।
सरकार का ध्यान इस सत्र में न केवल वित्तीय व्यवस्थाओं को मंजूरी देने पर है, बल्कि प्रदेश की विकास गति को और तेज करने के लिए आवश्यक निर्णय लेने पर भी केंद्रित रहेगा।











