यूपी पुलिस के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं टीथर्ड ड्रोन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसकी विशेषताएं ही ड्रोन के लिए दूरगामी साबित होंगी। टीथर्ड ड्रोन की तकनीक से पुलिस की कार्यक्षमता में जबरदस्त सुधार आने की संभावना है। अपराध नियंत्रण के साथ यह एक नई शुरूआत है जो पुलिसिंग के तरीकों और रिस्पांस को बदल देगा।

  • ये हैं विशेषताएं
  • 50 से 65 किलो तक सामान ले जाने की क्षमता
  • 5 से 6 किमी.तक की स्पष्ट रेंज
  • देर तक हवा में टिकने की क्षमता
  • टारगेट का पीछा करने में माहिर
  • दूर क्षेत्रों में बैठकर मानीटरिंग की सुविधा
  • हवा में ही चार्ज की सुविधा
  • क्रैश या हैक नहीं हो सकता

भारतीय सेना द्वारा बार्डर पर इस्तेमाल किये जा रहे टीथर्ड ड्रोन अब जल्द ही प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को अभेद बनायेंगे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन टीथर्ड ड्रोन की खरीद की है। इस एक ड्रोन की की कीमत 51.33 लाख है और प्रदेश पुलिस 9 ड्रोन खरीद सकती है।

टीथर्ड ड्रोन अपने साथ 60 से 65 किलो तक का वजन ले जा सकती है। यूपी पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भविष्य में इन्ही ड्रोन के जरिये अपराधियों को मार गिराने के लिए इन्हें प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही अपराधियों के छिपे होने का भी दूर से ही पता लगाया जा सकता है। भारी भीड वाले क्षेत्रों पर भी इनकी लंबी रेंज के कारण नजर रखी जा सकती है। रात में टीथर्ड ड्रोन के नाइट विजन मोड के कारण अपराधिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सकती है।


टीथर्ड ड्रोन एक बार में आठ से बारह घंटे तक हवा में रहकर निगरानी रख सकेगा। यह देखने व बनावट में सामान्य ड्रोन कैमरों की तरह होता है। यह ड्रोन कैमरा तार या केबल के जरिये एक बॉक्स के आकार के बेस से जुड़ा होता है जो विद्युत का स्रोत होते हैं। तार या केबल के जरिए इनसे लगातार विद्युत ऊर्जा ड्रोन को मिलती रहती है। इनका इस्तेमाल सुरक्षा व निगरानी के साथ लाइव स्ट्रीमिंग, अस्थायी संचार टावर स्थापित करने के लिए भी किया जा सकता है। इस ड्रोन में बैटरी के बजाय इसे जेनसेट से तार या केबल के जरिए जोड़ा जाता है। इसका कंट्रोल पूरी तरह पुलिस के पास रहेगा।

बेसिक ट्रेनिंग देकर पुलिसकर्मी इन्हें आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं। वर्तमान में इन टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल यूपी पुलिस कांवरियो के आने-जाने वाले मार्ग पर कर रही है जिससे कांवरियों के साथ ही प्रत्येक आम ओ खास की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इटरनेट के जरिये जोडकर इस टीथर्ड ड्रोन के जरिये डीजीपी मुख्यालय से लाइव फीड के जरिये मानीटरिंग की जा रही है। किसी शंका या सहायता की स्थिति में पुलिस उस स्थान पर तुरंत पहुंच जाती है और सामने वाले को पता भी नहीं चलता। भविष्य में इन टीथर्ड ड्रोन के जरिये मुख्यमंत्री आवास,राजभवन,विधानसभा,लोकभवन की सुरक्षा किये जाने की रणनीति अपनायी जा सकती है।

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