
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के मामले में चार आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इस हमले के प्रमुख साजिशकर्ता पाकिस्तान में स्थित हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका में रहने वाला हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया थे। एनआईए के अनुसार, ये दोनों आतंकवादी भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे थे। इन पर भारत में आतंकवादी गतिविधियां फैलाने और निर्दोष लोगों की जान को खतरे में डालने की साजिश रचने का आरोप है।
सितंबर 2024 में हुए इस हमले का मुख्य उद्देश्य पंजाब पुलिस के एक रिटायर्ड अधिकारी को निशाना बनाना था, हालांकि हमले में गलती से किसी अन्य का घर प्रभावित हुआ। एनआईए की जांच में सामने आया कि रिंदा और हैप्पी ने मिलकर इस हमले की साजिश रची थी। इन दोनों ने भारत में अपने साथियों को हथियार, गोला-बारूद और फंड मुहैया कराए थे और इसके लिए स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती की थी, जिनमें रोहन मसीह और विशाल मसीह शामिल थे। इन आतंकवादियों को ट्रेनिंग देकर हमले के लिए तैयार किया गया था।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि हमले से पहले रिंदा और हैप्पी ने अपने स्थानीय साथियों को इलाके की दो बार रेकी करने के निर्देश दिए थे। रेकी के दौरान टारगेट का चयन किया गया और फिर इन आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया। पूरी योजना और हमला इन दोनों आतंकवादियों के निर्देशन में हुआ था।
एनआईए ने इस मामले में चंडीगढ़ की विशेष एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। इसमें आरोपियों पर कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, जिनमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और अन्य धाराएं शामिल हैं। एनआईए ने इन आतंकवादियों की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए सख्त कार्रवाई की है। यह चार्जशीट इन आतंकवादियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू करने का पहला कदम है।