कानपुर में आतंकियों ने गन प्वाइंट पर लिया, कमांडो ने 12 मिनट में पलटा खेल…

कानपुर। दोपहर दो बजे का वक्त था, बड़ा चौराहे के जेड स्क्वायर मॉल के प्रवेश द्वार पर चीख-पुकार मच गई। आतंकियों ने गन-प्वाइंट पर दो लोगों को लेकर खूनी खेल का इरादा जाहिर किया था। खबर मिलते ही पुलिस अफसरों के साथ एटीएस का प्रशिक्षण लिए पुलिस कमांडो मौके पर पहुंचे। तत्काल स्मोक फायर होता है और चारों तरफ धुंध छा जाती है। सिर्फ 12 मिनट में कमांडो ने आतंकियों को कब्जे में लेकर दशहत का खेल पलटकर कानपुर का हिफाजत का संदेश दिया। यह मॉकड्रिक थी, क्योंकि त्योहार के सीजन में आतंकी-माफिया हरकत कर सकते हैं। मॉकड्रिल देख मॉल में मौजूद लोगों ने कहाकि, ऐसा लगा कि सच में आतंकी पकड़े गए हैं।

जेहन में कौंधी पहलगाम नरसंहार की तस्वीर
शहर को सुरक्षा के लिहाज से इत्मीनान कराने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन मॉकड्रिल का प्लान तैयार किया था। जेड स्क्वायर में नाटकीय सीन क्रिएट किया गया कि, दो आतंकियों ने मॉल के अंदर घूमने आए अनुराधा और राहुल को गन प्वाइंट पर लेकर हत्या का ऐलान कर दिया। जम्मू-कश्मीर में सैलानियों का धर्म पूछकर आतंकी नरसंहार की तस्वीर दिमाग में कौंधते ही मॉल में चीख-पुकार मच गई। आतंकियों की हरकत की खबर मिलते ही डीसीपी मुख्यालय एस.एम. कासिम आबिदी के नेतृत्व में एडीसीपी डॉ. अर्चना सिंह, कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश पाण्डेय के साथ एटीएस प्रशिक्षित कमांडो मौके पर पहुंचे। अफसरों ने पहले अनाउंसमेंट के जरिए आतंकियों को चेतावनी देकर बंधकों को छोड़ने के लिए कहा। बात नहीं बनी तो कमांडो ने रेस्क्यू करते हुए बंधकों को अंदर जाकर सुरक्षित बचा लिया। इस मॉकड्रिल बाद डीसीपी क्राइम ने बताया कि ऐसी किसी घटना पर किस तरह से ऑपरेशन को अंजाम दिया जाना है इसकी तैयारी को लेकर रेस्क्यू ड्रिल हुई है।

मॉकड्रिल ने लोगों को रोमांचित किया
गुरुवार को दोपहर 2 बजे बड़ा चौराहा स्थित जेड स्क्वायर मॉल में दो आतंकी घुस गए हैं, जिन्होंने दो लोगों को बंधक बना लिया है। इस सूचना के बाद मौके पर चार थाने का फोर्स के साथ पीएसी पहुंची। साथ थे डीसीपी क्राइम। मॉल में आने-जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए। कुछ ही देर के बाद कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश पाण्डेय ने बंधक बनाने वाले लोगों से अनाउंसमेंट कर जरिए संवाद किया। फिर खुद डीसीपी क्राइम कासिम आबिदी ने अनाउंसमेंट के जरिए अंतिम मर्तबा चेताया। बात नहीं बनी तो प्रशिक्षित एटीएस कमांडो ने ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए दोनों शहरियों को सुरक्षित बचा लिया गया।

कोट्स…
यह रेस्क्यू ड्रिल थी। नाट्य रूपांतरण के जरिए रेस्क्यू इसलिए किया है, ताकि परिस्थितियों से निपटने के लिए फोर्स हमेशा अलर्ट रहें। आगे भी हम लोग इस तरह की मॉकड्रिल करेंगे।
एस.एम. कॉसिम आबिदी, डीसीपी क्राइम

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