- सीसामऊ उपचुनाव की थाह लेने के साथ आईआईटी पहुंचे रक्षामंत्री
भास्कर ब्यूरो
कानपुर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दावा है कि, अतीत की तुलना में देश के अंदर आतंकवादी घटनाएं कम हुई हैं, अलबत्ता दुर्भाग्य से बीते कुछ दिनों में कश्मीर में कुछेक घटनाएं सामने आई हैं। सेना ने आतंकी संगठनों को करारा जवाब दिया है। कुल मिलाकर सुरक्षाबल पूरी तरह सजग और मुस्तैद हैं। भरोसा दिलाया कि, जल्द ही अशांत इलाकों में ऐसी परिस्थियां पैदा होंगी कि आतंकवादी वारदातें पूरी तरह से समाप्त होंगी। जम्मू कश्मीर का तेजी से विकास होगा।
शनिवार को श्याम नगर स्थित हरिहर धाम आश्रम में अपने आध्यात्मिक गुरु का आशीर्वाद लेने और पूजा में शामिल होने के बाद रक्षा मंत्री ने भारत-चीन सीमा पर दीपावली पर मिठाई बांटने और पेट्रोलिंग शुरू होने के सवाल पर कहा कि, भारत अपने सभी पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। भारत और चीन के बीच लगातार एक डेढ़ साल से बातचीत चल रही है। सेना की तैनाती के मामले में समाधान हो चुका है। डेमचोक पर पेट्रोलिंग शुरू हुई है। इसके बाद रक्षा मंत्री फील्ड गन फैक्ट्री के लिए निकल गए। वहां पर उन्होंने सुरक्षा कर्मियों की वर्दी, धनुष, सारंग, टी-90 टैंक के बारे में जानकारी लेने के बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर में एडवांस्ड इक्विपमेंट वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड की इकाई काम कर रही है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने हीट ट्रीटमेंट और न्यू असेंबली शॉप का भी निरीक्षण किया। एक घंटे 24 मिनट तक चले निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने उन्हें टैंक टी-90 और धनुष गन सहित विभिन्न आर्टिलरी गन और टैंकों की बैरल और ब्रीच असेंबली बनाने की दक्षता के बारे में बताया। निरीक्षण के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन डीपीएसयू के सीएमडी के साथ बैठक की। डीपीएसयू एडब्ल्यूईआइएल, ट्रूप कम्फर्ट्स इंडिया लिमिटेड के सीएमडी राजेश चौधरी और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के सीएमडी और कानपुर स्थित डीआरडीओ की प्रयोगशाला, रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के निदेशक डा. मंयक द्विवेदी ने रक्षा उत्पाद प्रोफ़ाइल, मुख्य प्रोजेक्ट्स, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों और आधुनिकीकरण कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।
इससे पहले दोपहर 2.30 बजे भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ का प्रतिनिधिमंडल ने रक्षामंत्री से मुलाकात कर रक्षा कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण की गुहार लगाई। रक्षामंत्री को बताया गया कि, कार्पोरेशन में तब्दीली के बाद आयुध निर्माणियों के कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित हैं। आग्रह किया गया कि, कार्यरत कर्मचारियों को रिटायरमेंट की तिथि तक सरकारी शर्तों पर रखा जाए अथवा प्रसार भारती माडल लागू किया जाए। यूपीएस पर पुनर्विचार करने और मृतक आश्रितों की भर्ती तुरंत शुरू करने की फरियाद के साथ बताया गया कि, बीते तीन वर्षों से किसी भी मृतक आश्रित को नौकरी नहीं मिली है। जवाब में रक्षामंत्री ने बताया कि, मंत्रालय सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है, किसी कर्मचारी का अहित नहीं होगा।